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वाराणसी में अयोध्या (Ayodhya) को लेकर बेतुका बयान देकर चर्चा में आए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से खफा संतों ने उनको सदबुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए बुद्धि शुद्धि हवन किया.
विवादित बयानों के लिए प्रसिद्ध हैं ओली: महामंडलेश्वर
इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरीजी महाराज ने कहा कि ये व्यक्ति शुरू से ही विवादित बयान देने के लिए प्रसिद्ध है. ये जब से नेपाल में माओवादी सरकार लेकर आए, भारत विरोधी काम शुरू कर दिया. इससे पहले भी उन्होंने राष्ट्रविरोधी काम किया. 300 वर्ग किमी जमीन को विवादित बनाया. अब अयोध्या को लेकर इन्होंने बेतुका बयान दिया. जबकि वाल्मीकि रामायण से लेकर अन्य ग्रंथ प्रमाणित करते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की राजधानी अयोध्या थी.
ये भी पढ़ें: वाराणसी में नेपाली नागरिक का जबरन किया मुंडन, पीएम ओली मुर्दाबाद के नारे लगवाएअगर नेपाल के थे भगवान राम तो केपी शर्मा इसके धार्मिक प्रमाण दें
सवाल उठाते हुए स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज ने कहा कि अगर नेपाल के थे भगवान राम तो केपी शर्मा इसके धार्मिक प्रमाण दें. बिना प्रमाण के ऐसी बातें करना अशोभनीय है. उन्होंने कहा कि दरअसल केपी शर्मा ओली घोर नास्तिक है. इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. ये व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है. इस बयान से भारत और नेपाल के संबंध पर बहुत प्रभाव पड़ेगा.
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1846 में मठ को किया समर्पित
उन्होंने बताया कि ये परिसर नेपाल नरेश ने बनाया है. भारत और नेपाल कभी अलग नहीं थे और न होंगे. माता जानकी का जनकपुर नेपाल में है. हजारों नेपाली बच्चे यहां पढ़ते हैं. बता दें कि वाराणसी के बिरदोपुर के इस कैलाश पुरी मठ को सन 1846 में स्वामी कैलाश पर्वत जी की सेवा में नेपाल नरेश महाराज जंग बहादुर के पुत्र रणदीप सिंह ने समर्पित किया था. इसके प्रमाण के रूप में यहां आज भी दस्तावेज रखे हुए हैं. इस मौके पर संतों ने बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की कि वो ओली की बोली सुधारते हुए उन्हें सद्बुद्धि दें.
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