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कांग्रेस से सचिन पायलट के निकाले जाने के बाद जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा,”पायलट मेरे सिर्फ सहकर्मी ही नहीं बल्कि मेरे दोस्त भी हैं. कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि उन्होंने पार्टी के लिए बहुत तन्मयता से काम किया है. मैं उम्मीद करता हूं कि हालात अभी भी संभल सकते हैं, जो भी हो रहा है वो दुखद है.”
Sachin Pilot is not just a collegues but my friend. No one can take away the fact that all these years he has worked with dedication for the party. Sincerely hope the situation can still be salvaged. Sad it has come to this…
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (@JitinPrasada) July 14, 2020
हैरान करने वाली बात यह है कि जितिन प्रसाद को अभी भी सचिन पायलट के मामले में उम्मीद की किरण नजर आ रही है. उनकी यही प्रतिक्रिया उन्हें कांग्रेस के बाकी दूसरे नेताओं से अलग करती है. जितिन प्रसाद के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कई लोगों ने राहुल गांधी के करीबी नेताओं में बेचैनी की बात कहनी शुरू भी कर दी.मायावती को आभार जताने पर कांग्रेस खेमे में मची थी खलबली
अभी कुछ ही दिन पहले जितिन प्रसाद ने ट्विटर पर मायावती को आभार व्यक्त किया था. इस ट्वीट के बाद पूरे कांग्रेस खेमे में काफी खलबली महसूस की जा रही है. खलबली का मजबूत आधार भी है. कुछ ही दिनों पहले महासचिव प्रियंका गांधी ने मायावती को भाजपा का अघोषित प्रवक्ता करार दिया था. बसपा और कांग्रेस के बीच पिछले दिनों में जबरदस्त राजनीतिक लड़ाई चल रही है. ऐसे में प्रियंका गांधी का कोई सिपाही मायावती के प्रति आभार व्यक्त करें, यह बात खलबली पैदा करने वाली तो है ही.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट के जरिए कहा था कि विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधियों को लेकर किसी समुदाय विशेष पर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए या उन्हें कटघरे उन्हें कटघरे में नहीं खड़ा किया जाना चाहिए. उनके इसी बयान पर जितिन प्रसाद ने मायावती को आभार व्यक्त किया था.
मायावती जी आपने हमारे समाज के बारे में जो अपनी बात रखी है, उसके लिये मैं अपने समाज की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूँ। https://t.co/WNT18KMY7M
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (@JitinPrasada) July 12, 2020
पिछले दिनों कांग्रेस के जितने भी आंदोलन हुए उन सभी में जितिन प्रसाद की भागीदारी की कमी देखने को मिली. पेट्रोल डीजल के दाम के मामले पर आंदोलन हो या फिर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी का मामला, कांग्रेस के किसी भी आंदोलन में प्रदेश के नेताओं के साथ सड़क पर जितिन प्रसाद नहीं दिखे. तो क्या जितिन प्रसाद का यह अलगाव कांग्रेस से उनकी बढ़ती दूरी को दिखाता है?
जितिन प्रसाद इनदिनों ब्रह्म चेतना संवाद के माध्यम से प्रदेश में ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए अभियान चलाए हुए हैं. वे हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्राह्मण समुदाय के लोगों से बात कर रहे हैं. खास बात यह है कि उनका यह प्रयास पार्टी लाइन से बिल्कुल अलग है. पार्टी ने औपचारिक तौर पर जितिन प्रसाद को ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी है. ना ही पार्टी का दूसरा कोई नेता ऐसा अभियान ही चला रहा है.
इन सभी मुद्दों पर जितिन प्रसाद के क्या रहे जवाब
मायावती को आभार व्यक्त करने के मामले पर जितिन प्रसाद ने न्यूज़ 18 को बताया कि सबके देखने का अलग अलग नजरिया होता है. ब्राह्मण समाज के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए मैंने उन्हें धन्यवाद दिया लेकिन मेरा यह भी कहना है कि वह इसका ठेका नहीं ले सकती जबकि एक बार साथ लेकर वह धोखा दे चुकी हैं.
इसी तरह ब्रह्म चेतना संवाद शुरू किए जाने को लेकर जितिन प्रसाद ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत अभियान है. इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.
वहीं कांग्रेस पार्टी के सड़क पर आंदोलनों से उनके गायब रहने के सवाल पर जितिन प्रसाद ने कहा कि पिछले दिनों यह सारे आंदोलन लखनऊ में चले और मैं लखनऊ में थोड़ी हूं.
सचिन पायलट को लेकर अपने किए गए ट्वीट पर जितिन प्रसाद ने कहा कि उन्होंने पार्टी के हित में यह बात कही है. सचिन मेरे दोस्त रहे हैं इसलिए उनके भी हित की बात कही है.
जितिन प्रसाद ने ट्विटर के जरिए जब मायावती का आभार व्यक्त किया था तब कांग्रेस नेताओं की तरफ से कोई खास प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी. अब जबकि सचिन पायलट के प्रति जितिन प्रसाद की सहानुभूति सामने आई है तो देखना दिलचस्प होगा कि क्या उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से जितिन प्रसाद के इस रुख पर भी कोई प्रतिक्रिया आती है या पहले जैसी खामोशी छाई रहती है.
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