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हाईकोर्ट की सख्ती से बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा (Pradeep Batra) और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
क्या है मामला?
हरिद्वार के सतीश शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा की पत्नी समेत 12 लोगों को गलत तरीके से लोन दिया गया है. याचिका के अनुसार वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना बेरोज़गारों, अल्प आयु वालों समेत एसटी-एससी वर्ग, पूर्व सैनिकों के लिए है लेकिन इसके तहत लाखों रुपये के लोन हरिद्वार ज़िले लाखों में 12 करोड़पतियों को बांट दिए गए.
याचिका में कहा गया कि बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा की पत्नी समेत लोन लेने वाले ये लोग इस योजना के तहत लोन के लिए पात्र कतई नहीं हैं. याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए.इन सालों में हुआ घोटाला
दरअसल पर्यटन विस्तार के लिए 20 लाख की सब्सिडी वाली योजना सरकार ने बनाई थी. इसके तहत साहसिक खेलों, टैक्सी-मैक्सी, होटल आदि के लिए लोन दिए जाते हैं. लेकिन 2008-2009 और 2011-12 में इस में फर्जीवाड़े कर करोड़पतियों को ही इस योजना का लाभ दे दिया गया.
ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत नहीं की गई मगर अब तक सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई. पिछले महीने हाईकोर्ट ने पीआईएल पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन पर्यटन मंत्री मदन कौशिक समेत 12 अन्य को नोटिस जारी किया था. अब कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया लिया है.
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