[ad_1]
उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित तो कर दिया, लेकिन कोरोना की वजह से आगे कोई काम नहीं हुआ और ना ही कोई नेता वहां गया.
यही वजह है कि 9 अगस्त को हरीश रावत गैरसैण जाने वाले हैं. वो भी ये देखने कि ग्रीष्मकालीन राजधानी का क्या हाल है? सरकार अबतक वहां नहीं गई. जबकि 15 सितंबर को गर्मियों का सीजन पूरा हो जाएगा. ऐसे में आखिर सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर कितनी गंभीर है. गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग उत्तराखंड बनने के बाद से लगातार उठती रही है, लेकिन जहां विजय बहुगुणा सरकार ने पहली बार गैरसैण में विधानसभा सत्र आयोजित करने की हिम्मत दिखाई.
ये भी पढ़ें: मऊ में गैंगवार पर नकेल के लिए पुलिस ने कसा शिकंजा, 6 पर लगा गैंगेस्टर एक्ट
सीएम ने चौंकायावहीं 57 विधायकों की सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के ऐलान ने सबको चौंका दिया. जब इसी साल की शुरुआत में बजट सत्र में गैरसैंण में सीएम ने इस बात की घोषणा की है कि गैरसैण प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी. यही वजह है कि 2022 के लिए बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है कि जो काम कोई नहीं कर पाया. वो बीजेपी सरकार में हुआ. वहीं अलग-अलग मुद्दों को छेड़कर पूर्व सीएम हरीश रावत खुद को सक्रिय रखने और 2022 में काँग्रेस की वापसी की उम्मीदों पर टिके हुए हैं.
[ad_2]
Source