लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस सिलसिले में उन्होंने संगठनात्मक स्तर पर कई फेरबदल किया है. उन्होंने बड़ा प्रयोग करते हुए पार्टी के मूल संगठनों में ब्राह्मण (Brahmin) और अपर कास्ट की अन्य जातियों से जुड़े लोगों को मूल संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है. इसके साथ ही बसपा की सभी भाईचारा कमेटियों को भी भंग कर दिया गया है. मायावती ने ब्राह्मण, क्षत्रिय पिछड़ी जाति भाईचारा कमेटी (Brotherhood committee) को भंग कर दिया है. भाईचारा कमेटी में शामिल रहे ब्राह्मण, क्षत्रिय, पिछड़ा और मुस्लिम नेताओं को मूल संगठन में जिम्मेदारी दी गई है.
दिलचस्प है कि बसपा के मूल संगठन में इससे पहले दलित नेताओं को ही जिम्मेदारी मिलती थी. ऐसे में मायावती पर अन्य जातियों को तरजीह न देने का आरोप भी लग रहा था. इसे देखते हुए मायावती विधानसभा चुनावों में किसी भी जाति को नाराज न करने की नीति के तहत यह कदम उठाया है.