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विकास (Vikas Dubey) के हरियाणा (Haryana) से उज्जैन (Ujjain) तक पहुंचने की कहानी में कई राज छुपे हुए हैं. इस राज का खुलासा करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस की है. विकास दुबे कानपुर (Kanpur) से उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के eight जवानों की हत्या कर फरार था.
नीतीश कटारा हत्याकांड के आरोपी को भी मिल चुकी है शरण
विकास दुबे की तरह ही कुछ साल पहले बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड के आरोपी विकास यादव की गिरफ्तारी भी मध्य प्रदेश में ही हुई थी. विकास यादव बाहुबली राजनेता डीपी यादव का पुत्र है. मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी कॉलेज गाजियाबाद से स्नातक करने वाले नीतीश कटारा की हत्या विकास यादव ने की थी. नीतीश कटारा का भारती यादव से अफेयर था. भारती, विकास यादव की बहन है. यादव परिवार इस अफेयर के खिलाफ था. अदालत ने ऑनर किलिंग का मामला मानते हुए विकास यादव और विशाल यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. विकास की गिरफ्तारी ग्वालियर जिले के डबरा कस्बे से हुई थी. पुलिस ने रात्रि गश्त के दौरान उसे गिरफ्तार किया था. आर्म्स एक्ट में गिरफ्तारी हुई. बाद में उसकी पहचान नीतीश कटारा हत्याकांड के आरोपी के तौर पर हुई. विकास यादव की गिरफ्तारी के समय भी मध्य प्रदेश पुलिस के कुछ अफसरों की भूमिका पर ही सवाल खड़े हुए थे.
उज्जैन का संयोग विकास यादव के साथ भी जुड़ा थाविकास यादव की आर्म्स एक्ट में गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार पर कई तरह के आरोप लगे थे. यादव की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिस अफसरों की रिश्तेदारी डीपी यादव से होने की बात भी सामने आई थी. उज्जैन की शराब फैक्ट्री महाकाल डिस्टलरीज में पुलिस अफसरों की पार्टनरशिप की बात भी आई थी. यह डिस्टलरी वर्तमान में बंद पड़ी हुई है. कानपुर में पुलिस अफसरों की हत्या करने वाला विकास दुबे जिस तरह से महाकाल मंदिर में प्रकट हुआ, उससे विपक्षी दल कांग्रेस को राज्य की भाजपा सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े करने का मौका मिल गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं कि भाजपा सरकार आते ही मध्य प्रदेश माफिया की सुरक्षित शरण स्थली बन गया है. इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर उज्जैन पुलिस को बधाई दी.
उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार विकास दुबे.
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सुख्खा और जिंदा को भी मिली थी अविभाजित मध्य प्रदेश में शरण
स्वर्ण मंदिर में ऑपरेश ब्लू स्टार का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष अरूण कुमार वैद्य के हत्यारों ने भी अपनी फरारी अविभाजित मध्य प्रदेश के दुर्ग में काटी थी. दुर्ग अब छत्तीसगढ़ राज्य में आता है. पुलिस महानिदेशक स्तर से रिटायर हुए आईपीएस अफसर एनके त्रिपाठी याद कर बताते हैं कि जनरल अरूण कुमार वैद्य के हत्यारे सुखदेव सिंह सुख्खा और हरजिंदर सिंह जिंदा थे. इन दोनों की गिरफ्तारी पुणे में हुई थी. गिरफ्तारी के बाद ही यह तथ्य सामने आया था कि दोनों अपराधी दुर्ग के एक सिख व्यवसायी के यहां रुके थे. मोतीलाल वोरा राज्य के मुख्यमंत्री थे. वो दुर्ग से ही चुनकर आते थे. विपक्ष ने उन पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे.
उज्जैन पुलिस कस्टडी में विकास दुबे
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डकैतों का आत्मसमर्पण कराकर चर्चा में आए थे अर्जुन सिंह
मध्य प्रदेश राज्य की सीमाएं कई शहरों से मिलती हैं. राज्य की राजनीति पर भी उत्तर प्रदेश का असर भी देखा जाता रहा है. नेताओं की नाते-रिश्तेदारियां भी हैं. विकास तिवारी की ससुराल भी शहडोल जिले में है. विंध्य क्षेत्र की सीमाएं भी उत्तर प्रदेश से लगी हुईं हैं. राज्य के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह भी विंध्य क्षेत्र से ही आते थे. मुख्यमंत्री के तौर पर उनके पहले कार्यकाल में कई इनामी डकैतों ने मध्य प्रदेश में आत्मसमर्पण किया था. फूलन देवी भी इनमें एक थीं. फूलन देवी को उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं था. डर था कि पुलिस एनकाउंटर कर देगी. उत्तर प्रदेश के नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मध्य प्रदेश में आत्मसमर्पण कराया गया था. डकैतों की जगह अब अपराधियों ने ले ली है. मध्य प्रदेश के भी कई अपराधियों ने उत्तर प्रदेश और गुजरात में सरेंडर किया है. दूसरे राज्यों में जाकर सरेंडर करने की स्थिति तब बनती है, जब पुलिस गोली मारने का निश्चय कर चुकी हो. विकास दुबे को डर यही था कि उत्तर रप्रदेश पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है. जान बचाने की गरज से ही वह मध्य प्रदेश में आया.
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