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मायावती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर लिखा, “यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है.”
1. यू.पी. में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) July 28, 2020
उन्होंने आगे लिखा, “इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी, सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है.”
2. इस जातिवादी घृणित मामले की यू.पी., सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बी.एस.पी की यह पुरजोर माँग है। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) July 28, 2020
तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “साथ ही, मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद. दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई.”
क्या है पूरा मामला?
आगरा में नट समाज की महिला की मौत के बाद परिवार वालों ने गांव के एक शमशान में उनकी चिता बनाई थी. मुखाग्नि देने की तैयारी चल रही थी, तब तक सवर्ण समाज के कुछ लोग वहां पहुंच गए. आरोप है कि उन लोगों ने अंतिम संस्कार जबरन रुकवा दिया. हंगामे के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. इसके बाद भी वहां चिता नहीं जली. पुलिस की मौजूदगी में बेबस नट समाज ने महिला का शव चिता से उतारा और दूसरी जगह अंतिम संस्कार किया. मामला आगरा के अछनेरा क्षेत्र के रायभा का है. अब इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि अछनेरा क्षेत्र में 25 साल की पूजा पत्नी राहुल की मौत हो गयी थी. महिला का शव लेकर परिजन श्मशान पहुंचे. कुछ ही देर में ठाकुर समाज के लोग आकर विरोध करने लगे. आख़िरकार नट समाज को चिता से महिला का शव निकलवाकर वापस भिजवा दिया गया. शव को चिता से निकाल कर नट समाज के लोगों ने दूसरी जगह अंतिम संस्कार किया.
एसएसपी ने सीओ को सौंपी जांच
विवाद के बाद अछनेरा पुलिस मौके पर पहुंच गई. उसने हंगामा को रुकवा तो दिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में मजबूरन तहसील किरावली गांव रायभा में नट समाज की महिला के शव का चिता से निकालकर दूसरी जगह पर अंतिम संस्करा करना पड़ा. खास बात यह है कि देहांत होने के बाद उच्च समाज की श्मशान भूमि पर शव जलाने को लेकर विवाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. साथ ही पीड़ित परिवार की मदद भी नहीं की. हालांकि पूरे मामले में एसएसपी बबलू कुमार ने मामले की जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है. बबलू कुमार ने बताया कि उक्त प्रकरण की सीओ अछनेरा को जांच सौंपी गई है. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
आठ दिन बाद भी परिवार को नहीं मिला न्याय
उधर घटना के आठ दिन बाद भी ना तो दबंगों को उनकी दबंगई की सजा मिली और न पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल सका है. अब इस मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया तो पूरे देश में यह मामला बहस का विषय बन गया. पीड़ित परिवार का कहना है कि जांच के नाम पर सिर्फ 25 लोगों पर शांति भंग करने की कार्रवाई कर दी गयी है. जातिवाद की पराकाष्ठा पार करने वाले इस मसले पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने भी सीएम योगी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा के इस मामले में सक्रिय हो जाने से अब इस मामले में बेशक सियासत गर्म हो गयी है लेकिन सच यही है कि अब तक चिता से शव हटवाने के मामले में पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिल सका है.
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