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भागलपुर में दुकान की चौखट पर दम तोड़ने वाले इस मरीज की पहचान 47 साल के मो.तनवीर के रूप में कई गयी जो शाहकुंड के खैरा गांव का रहने वाला था और 18 मई को ही दिल्ली से आया था.
दुकान में काफी भीड़ थी इस कारण वो खड़ा था और अचानक काउंटर के आगे गिर गया और उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद चार घण्टे तक उसका शव दुकान के आगे ही पड़ा रहा लेकिन कोई उठाने के लिए सामने नहीं आया. बाद में स्थानीय पार्षद एवं डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने दो मजदूरों को पीपीई किट पहनाकर शव को उठवाया. घटना ने मानवीय संवेदना को झकझोर कर रख दिय है तो स्वास्थ्य व्यवस्था और जिला प्रशासन पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं.
दवा दुकानदार कृष्ण कुमार ने मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के आला अफसरों तक को फोन किया लेकिन कोई सुध नहीं ली गई. कोरोना एंबुलेंस आई लेकिन अपना केस न बताकर मौके से चली गई. कोतवाली थाना पुलिस सहित पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन शव उठाने की दिशा में किसी तरह की कवायद नहीं हुई. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई लेकिन किसी ने कोरोना संक्रमण के डर से उसे हाथ नहीं लगाया.
शहर के डिप्टी मेयर ने ही पहल करते हुए शव को दुकान से हटवाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां शव का कोविड 19 का सैंपल लेने के बाद पोस्टमार्टम किया गया. टेस्ट के दौरान मृतक का कोरोना टेस्ट सैंपल पॉजिटिव पाया गया. मरने वाले की पहचान 47 साल के मो.तनवीर के रूप में कई गयी जो शाहकुंड के खैरा गांव का रहने वाला था और 18 मई को ही दिल्ली से आया था.इस मामले में डिप्टी मेयर ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की व्यवस्था को आड़े हाथों लिया और इसे अमानवीय करार दिया, वहीं नगर विधायक अजित शर्मा ने सूबे की सरकार को जमकर कोसते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पर भी निशाना साधा है.
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