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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा ब्रिज (Howrah Bridge) के तर्ज पर डिजाइन किए गए इस पुल के सभी पाए जहां पुराने कंक्रीट के बने हैं, वहीं पुल का सुपर स्ट्रक्चर लोहे का बना है.
उत्तर बिहार के लोगों को पटना से जोड़ता है ये पुल
कल उद्घाटन के साथ ही इस लेन से सारी बड़ी गाड़ियां चलनी शुरू हो जाएंगी. इसका फायदा सीधे तौर पर उत्तर बिहार के करीब पांच करोड़ लोगों को होगा जो राजधानी समेत बिहार के अन्य हिस्सों में सड़क मार्ग से आने जाने के लिए इस पुल का उपयोग करते हैं. पश्चिमी लेन के शुरू होने के बाद उत्तर बिहार जाने वालों के लिए बड़ी राहत साबित होगी. नए अंदाज में लोगों की सेवा के लिए तैयार हुए गांधी सेतु का पश्चिमी हिस्सा दो लेन का है. बरसात के बाद पूर्वी लेन के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. 1742.01 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल में 66,360 मीट्रिक टन लोहे का उपयोग उपयोग किया जाना है.
हावड़ा ब्रिज की तर्ज पर किया गया है डिजाइनअगले डेढ़ वर्ष के अंदर पूर्वी लेन के जीर्णोद्वार का काम भी पूरा कर कर लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आने वाले दिनों में पुल के दोनों लेन पर गाड़ियां फर्राटा भरेगी. हावड़ा ब्रिज के तर्ज पर डिजाइन किए गए इस पुल के सभी पाए जहां पुराने कंक्रीट के बने हैं, वही पुल का सुपर स्ट्रक्चर लोहे का बना है. गौरतलब है कि पुल के जीर्णोद्वार कार्य के पूर्व आईआईटी रुड़की की टीम ने पुल के सभी पायो को पूरी तरह मजबूत और सुदृढ़ पाया था.
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