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पटना मंडी के बकरा व्यापारी मो. अली कुरैशी ने कहा कि जहां एक ओर कोरोना की वजह से व्यापारी बकरे लेकर मंडी में नहीं आ रहे हैं तो वहीं बाढ़ की वजह से भी माल आने में कठिनाई हो रही है.
पटना. वैश्विक महमारी कोरोना (Corona Pandemic) का असर इस साल सभी पर्व त्योहारों पर पड़ने लगा है. 1 अगस्त को मनाये जाने वाले ईद उल अजहा (Eid-Ul-Adha) यानी बकरीद के अवसर पर दिए जाने वाली कुर्बानी को लेकर हर साल गुलजार रहने वाले पटना का बकरी बाजार (Patna Goat Market) भी इस साल कोरोना के कारण गुमनान सा हो गया है. पटना के बकरी बाजार पर वैश्विक महामारी कोरोना का साफ असर देखने को मिल रहा है. आम तौर पर जहां पिछले वर्ष तक मंडी में पर्व के 15 से बीस दिनों पहले तक हजारों बकरे और बकरियों से भरी होती थी वहीं इस साल यहां सन्नाटा पसरा है.
एक से सवा लाख तक के बिकते थे बकरे
पूरे बकरी बाजार में लाखों का कारोबार होता था और एक-एक बकरे की कीमत 1 से सवा लाख रुपए तक होती थी लेकिन इस बार न तो बकरे हैं और न ही उनके खरीददार. खरीदारों की भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुनाफे की आस में एक साथ राज्य के कई हिस्सों से व्यापारी यहां पहुंचते थे और अच्छी कमाई कर जाते थे. फिल्म स्टार शाहरुख खान और सलमान खान के नाम वाले बकरों की कीमत लाखों में होती थी लेकिन इस बार व्यापारी और ग्राहक दोनों को भारी निराशा मिली है.मंडी पर बाढ़ का भी पड़ रहा है असर
मंडी के बकरा व्यापारी मो. अली कुरैशी ने कहा कि जहां एक ओर कोरोना की वजह से व्यापारी बकरे लेकर मंडी में नहीं आ रहे हैं तो वहीं बाढ़ की वजह से भी माल आने में कठिनाई हो रही है. इस साल न तो माल है और न ही ग्राहक हैं, इसलिए इस बार बाजार पूरी तरह से खाली है. मंडी में आये एक खरीदार सुहैल ने कहा कि चूंकि ईद उल अजहा में सक्षम व्यक्तियों को क़ुर्बानी करना फर्ज़ होता है इसलिए कोरोना संकट के बावजूद वो मंडी में बकरा खरीदने आये हैं लेकिन यहां का नजारा देखकर निराशा हुई है. पिछले 25 वर्षों में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा था.
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