[ad_1]
41 पार्षदों के द्वारा मेयर (Patna Mayor) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाया गया था. लेकिन प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ four वोट पड़े, जबकि मेयर को पद से हटाने के लिए 38 वोट की जरूरत थी. लिहाजा मेयर की कुर्सी बच गई.
कोरोना संक्रमण को लेकर ऐहतियात बरतते हुए बैठक का आयोजन किया गया था. लेकिन मेयर के समय पर नहीं आने से नाराज होकर विरोधी गुट के पार्षद वाकआउट कर बैठक से चले गए. पार्षदों ने आरोप लगाया कि मेयर जान बूझकर देर से पहुंचीं, क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं है.
मेयर गुट के पार्षद कैलाश यादव ने बताया कि मेयर सही समय पर पहुचीं और विरोधी गुट के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी.
विरोधी गुट के पार्षदों की अनुपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव खारिज बाद में विरोधी गुट के वार्ड पार्षदों की अनुपस्थिति में मेयर और अन्य अधिकारी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल हुए. और अंत में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. इसी के साथ मेयर सीता साहू की कुर्सी बच गई.
बता दें कि 41 पार्षदों के द्वारा मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. लेकिन मेयर के विरोध में सिर्फ four वोट पड़े, जबकि मेयर को पद से हटाने के लिए 38 वोट की जरूरत थी. इसलिए मेयर की कुर्सी सही सलामत रही.
पटनावासियों के लिए करती रहूंगी काम- सीता साहू
अपनी जीत के बाद मेयर सीता साहू ने बताया कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जो खारिज हो गया. और मैं जीत गयी. मैंने पहले भी पटनावासियों के लिये काम किया है और आगे भी करती रहूंगी. विपक्ष के पास पूरी संख्या नही थीं और वो हार गए.
हालांकि बैठक के बाद जीत से उत्साहित मेयर गुट के पार्षद कोरोना के खौफ को भूल गए. और सोशल डिस्टेसिंग के नियम की धज्जियां उड़ाते नजर आए.
[ad_2]
Source