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बिहटा के एक युवक ने कोरोना (Corona) के इलाज के दौरान पटना एम्स की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. पटना एम्स (Patna AIIMS) की यह दूसरी मौत है.
मूल रूप से सुपौल के रहनेवाले डर 66 वर्षीय डॉ महेंद्र चौधरी अरवल जिला में मेडिकल ऑफिसर में कार्यरत थे और ओर्थोपेडिक के अच्छे सर्जन थे. वहीं पटना के कदमकुआं, राजेंद्र नगर के रहनेवाले पीएमसीएच में रेडियोथेरेपी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष 70 वर्षीय डॉ मिथलेश कुमार की भी कोरोना से पटना एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई. जबकि शुक्रवार को ही पटना एम्स से पांच डॉक्टर कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त कर डिस्चार्ज भी किए गए.
डिस्चार्ज किए गए डॉक्टरों में आलमगंज के डॉ एमडी आलम, सीतामढ़ी के डॉ सुनील कुमार सिंह, रामगढ़ चंपारण के डॉ अतुल राय, बोरिंग रोड कृष्णापुरी के डॉ सिवेंद्र कुमार सिंह और दरभंगा के डॉ डी एन महतो शामिल हैं. एक दिन में दो बड़े डॉक्टर का कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान मौत होने से एम्स के डॉक्टरों ने अफसोस जाहिर किया है.
बता दें कि पटना एम्स में दो डॉक्टर समेत 13 कोरोना संक्रमण के मरीजों ने दम तोड़ा. जबकि चार डॉक्टर को लेकर तेईस लोगो ने कोरोना को मात दिया और अपने घर लौटे है. जबकि 25 कोरोना संदिग्ध को एडमिट किया गया है और 25 पोजिटिव मरीज पाए गए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है.वहीं बिहटा के एक युवक ने कोरोना के इलाज के दौरान पटना एम्स की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. पटना एम्स की यह दूसरी मौत है. मिली जानकारी के अनुसार कोरोना पॉजिटिव बिहटा के मोहमदपुर के रहने वाले राजेश कुमार के पुत्र रोहित कुमार ने डिप्रेशन में आकर एम्स के चौथे तल्ला से कूदकर आत्महत्या कर ली.
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