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आशंका जताई जा रही है कि पुलिस (Police) से लूटी गई एके-47 (AK-47) उसके पास ही है, जिसे उसने अपने पिट्ठू बैग में छिपा रखा है. साथ ही उसके पास दो से तीन मैगज़ीन भी है जिससे वह 100 राउंड फायरिंग कर सकता है.
एक साथ निकलती हैं 30 गोलियां
एक्सपर्ट्स के मुताबिक एके-47 में बर्स्ट फायरिंग की भी सुविधा है. बर्स्ट फायरिंग में एक बार ट्रिगर दबाने पर एक साथ 30 गोलियां चलती हैं. ऐसे में जब विकास दुबे सरेंडर नहीं कर पा रहा है और एनकाउंटर की आशंका के तहत वह खुद को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है. लिहाजा पुलिस और एसटीएफ को जब भी उसकी घेराबंदी करें तो पूरी एहतियात बरतने को कहा गया है. एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश व एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने यह निर्देश दिए हैं.
2 दिन पड़ोस के गांव में ही छिपा था विकास दुबेगौरतलब है कि eight पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे दो दिन तक दिन पड़ोस के गांव में ही छिपा था. विकरू के करीब शिवली गांव में अपने साथी अमर दुबे, कार्तिकेय के साथ वह अपनी भाभी के घर छिपा था. इसके बाद वह ट्रक से फरीदाबाद पहुंचा.
ग्रेटर नोएडा में दिखा विकास दुबे
गैंगस्टर विकास दुबे के नोएडा में होने की भी सूचना मिल रही है. बता दें कि विकास दुबे के नोएडा में देखने की सूचना हरदोई निवासी सुनील ने पुलिस को दी थी. सुनील गढ़ी चौखंडी में रहता है और निजी कंपनी में जॉब करता है. सुनील ने पुलिस को बताया कि ग्रेनो वेस्ट के एक मूर्ति चौराहे से गढ़ी चौखंडी वो अपने दोस्त के साथ आ रहा था. तभी विकास दुबे एक मूर्ति चौराहे से बैठा टैक्सी में बैठा. उसके हाथ में बैग था और उसने शराब पी रखी थी. सुनील से उसने फोन मांगा लेकिन उसने मना कर दिया. फिर सेक्टर-71 के पर्थला चौक पर ऑटो से उतरने का बाद उसने पुलिस को सूचना दी.
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