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इसके साथ ही इलाहााद हाईकोर्ट (Allahabad Hig Court) ने एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट को आदेश दिया है कि कोर्ट चलने लगे तो 6 माह के भीतर आपराधिक मुकदमे का निपटारा करें.
6 महीने के अंदर मुकदमे का निपटारा करें: HC
हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को आदेश दिया है कि कोर्ट चलने लगे तो 6 माह के भीतर आपराधिक मुकदमे का निपटारा करें. कोर्ट ने एसएसपी, प्रयागराज और एसपी आजमगढ़ को बुलाये जाने पर गवाहों की पेशी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस जे जे मुनीर की एकल पीठ ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है.
ये हैं नामजद आरोपीमृतक की विधवा सुधा सिंह ने 19 दिसंबर 2015 की सुबह 7 बजे अपने पति की गोली मारकर हत्या करने की आजमगढ़ के सिधारी थाने एफआईआर दर्ज करायी थी. इसमें अंगद यादव, सुनील सिंह, अरूण यादव, शैलेश को नामजद किया गया है. विवेचना के दौरान सुधा सिंह की बहन प्रभा सिंह के बयान कि आलोक भाग चलो, काम हो गया है, के आधार पर आलोक यादव पर भी हत्या मे लिप्त होने का आरोप लगाया गया है.
साढ़े four साल से जेल में बंद है अंगद
याची के अधिवक्ता राजीव लोचन शुक्ल का कहना था कि अंगद यादव की दूसरी जमानत अर्जी है. पहली जमानत अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी गयी थी कि याची गवाहों की प्रतिपरीक्षा नहीं होने दे रहा है. लेकिन गवाहों को अभियोजन पक्ष ही पेश नहीं कर रहा है और विचारण शीघ्र होने की संभावना नहीं है. केवल षड्यंत्र का आरोप है और वह साढ़े four साल से जेल मे बंद है.
हिस्ट्रीशीटर है अंगद, भय के कारण गवाह नहीं आते हैं : अपर महाधिवक्ता
अंगद यादव 25 दिसंबर 2015 से जेल में बंद है और आलोक यादव 26 जनवरी 2019 से बंद है. अर्जी का विरोध अपर महाधिवक्ता विनोद कान्त ने किया. इनका कहना था कि याची हिस्ट्रीशीटर है. अंगद पर eight आपराधिक मामले दर्ज हैं. भय के कारण गवाह नहीं आते हैं. अपराध गंभीर है. अर्जी निरस्त की जाए. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर छोड़ने का आदेश देने से इंकार कर दिया और जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
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