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आबादी के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े जिले प्रयागराज (Prayagraj) में अब थाना स्तर पर टॉप टेन अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है. इस सूची में पहले से शामिल अपराधियों के साथ ही नये अपराधियों को भी जोड़ा जा रहा है.
गैंगस्टर का डोजियर भी तैयार किया जा रहा
आईजी रेंज प्रयागराज केपी सिंह के मुताबिक जिले में चिन्हित किए गए गैंगस्टर का डोजियर भी तैयार किया जा रहा है और पुलिस उनकी सम्पत्तियों का पूरा विवरण भी तैयार कर रही है. आईजी के मुताबिक सभी पहलुओं पर जांच कर अपराधियों के बारे में पूरी जानकारी जुटायी जा रही है और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जायेगा. अपराधियों की अवैध सम्पत्ति की कुर्की और लक्जरी गाड़ियों की नीलामी की भी कार्रवाई की जायेगी, ताकि अपराधियों में कानून का डर और खौफ बना रहे.
ये हैं चार बड़े क्रिमिनल्सगौरतलब है कि हाल में ही शासन ने तैंतीस बड़े अपराधियों की एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें अकेले प्रयागराज के चार बड़े क्रिमिनल के नाम शामिल हैं. प्रयागराज के चार बड़े क्रिमिनल्स में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का भी नाम शामिल है. प्रयागराज के चार क्रिमिनल्स में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के अलावा बीएसपी के पार्षद बच्चा पासी, समाजवादी पार्टी से ब्लाक प्रमुख रह चुके दिलीप मिश्र और बीएसपी से जुड़े छोटा राजन गिरोह का सदस्य राजेश यादव का नाम शामिल है. इनमें से अतीक अहमद गुजरात की अहमदाबाद जेल और दिलीप मिश्रा प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. बच्चा पासी अपने घर पर रह रहा है, जबकि राजेश यादव फरार चल रहा है. ये चारों हिस्ट्रीशीटर हैं और सभी के खिलाफ संगीन धाराओं में दर्जनों मुक़दमे दर्ज हैं.
भगोड़ों की भी धर-पकड़ तेज
वहीं पुलिस ने अब भगोड़े घोषित हो चुके अपराधियों की भी धर पकड़ तेज कर दी है. पुलिस ने इसी महीने तीन जुलाई को तीन सालों से फरार चल रहे पूर्व विधायक भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. अशरफ बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का भाई और उसकी गैंग का सदस्य है. इसके साथ ही पुलिस अब ऐसे अपराधियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है, जो कि जमानत पर छूटे हैं, लेकिन उसके बाद भी लगातार या तो अपराध कर रहे हैं या फिर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं. पुलिस जमनात पर छूटे अपराधियों की जमानत निरस्तीकरण के लिए भी अदालत में पैरवी करेगी. इसके साथ ही टॉप टेन अपराधियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजने और साक्ष्य जुटाकर उन्हें कड़ी सजा दिलाने की कोशिश करेगी. ताकि शातिर अपराधी जेल की सलाखों से जल्द बाहर न आ सकें.
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