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मंत्री ने कहा कि एकीकृत उद्यान विकास योजना के अंतर्गत राज्य में शुष्क क्षेत्रों में फलों का प्रत्यक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत 08 जिलों बांका, भागलपुर, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर में कम-से-कम 05-05 हेक्टेयर का कलस्टर चिह्नित किया जायेगा. इसमें टिश्यू कल्चर अनार, शरीफा कलम, नींबू कलम, संतरा एवं बेर के कलमी पौधों का प्रत्यक्षण कराया जायेगा। इस योजना के तहत् किसानों को पौधरोपण सामग्री एवं जैविक खाद इनपुट पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. एक प्रत्यक्षण क्षेत्र 0.2 हेक्टेयर यानी 2000 वर्ग मीटर का होगा तथा एक किसान को अधिकत्तम 02 प्रत्यक्षण का लाभ दिया जाएगा.
बीज एवं जैविक उपादान पर 50 प्रतिशत तक अनुदान
डाॅ प्रेम कुमार ने बताया कि इसी योजना के अंतर्गत फसल कार्यक्रम भी संचालित किया जाएगा. जिसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर बगीचे में उपलब्ध खाली या परती भू-भाग के वास्तविक रकबा 0.36 हेक्टेयर के लिए ओल, हल्दी एवं अदरक की खेती करने के लिए किसानों को इन फसलों के बीज एवं जैविक उपादान पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. यह कार्यक्रम राज्य के 12 जिलों भागलपुर, सहरसा, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, दरभंगा, बेगूसराय एवं खगड़िया में कार्यान्वित किया जाएगा.12 जिलों में चलेगी एकीकृत उद्यान विकास योजना
उन्होंने कहा कि एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत् एक अन्य कार्यक्रम लतीदार सब्जियों हेतु अलान प्रबंधन है. इस कार्यक्रम का संचालन राज्य के 12 जिलों पटना, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, गया, खगड़िया, लखीसराय, भोजपुर एवं सारण में कराया जायेगा। इस योजना के तहत् 500 वर्ग मीटर का एक इकाई निर्धारित किया गया है, जिसके लिए अलान प्रबंधन मद में बांस, लोहे का तार, प्लास्टिक की रस्सी, जूट की सुतली एवं अलान बनाने में मजदूरी पर कुल 13,000 रूपये आकलित किया गया है, जिस पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा.
सब्जी उत्पादन में तीसरे से दूसरे स्थान पर आएगा बिहार
डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि एकीकृत उद्यान विकास योजना का चैथा कार्यक्रम सब्जी पौध वितरण है. इस कार्यक्रम के तहत् सेन्टर आफ एक्सिलेंस, चण्डी एवं देसरी में विदेशी एवं संकर प्रभेद के सब्जी बीज से शिमला मिर्च, चेरी टमाटर, बीज रहित खीरा, बीज रहित बैगन, टमाटर, बैगन, लतीदार सब्जियों के पौध तैयार कर किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए सरकार द्वारा विदेशी प्रभेद के स्वीकृत इकाई दर 10 रूपये प्रति पौध एवं संकर प्रभेद के स्वीकृत इकाई दर 03 रूपये प्रति पौध पर किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. उ न्होंने कहा कि इस कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से राज्य में सब्जी उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे राज्य को सब्जी उत्पादन में देश में तीसरे स्थान से दूसरे स्थान पर लाने में मदद मिल सकेगा.
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