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बिहार में कोरोना (Corona) के बढ़ते दायरे को देखते हुए राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बाद अब भाजपा (BJP) के भी कई नेता विधानसभा चुनाव (Assembly Election) टालने की वकालत करने लगे हैं. हालांकि, जदयू (JDU) अभी भी अक्टूबर में ही चुनाव कराना चाहता है.
बीजेपी के कार्यक्रमों पर भी नियंत्रण
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के वर्चुअल जनसंवाद के बाद भाजपा पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई थी. प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगने लगा था. चुनाव के लिए टिकट चाहने वाले नेता भी पटना में कैंप कर गए थे. प्रदेश भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव खुद पटना में कैंप करके लगातार वर्चुअल बैठकें कर रहे थे. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बिहार के दौरे कर आए थे, लेकिन भाजपा के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की मौत और प्रदेश संगठन मंत्री नागेंद्र सहित दर्जनों भाजपा नेताओं के संक्रमित होने के बाद से बीजेपी ने चुनाव से जुड़े अपने सभी कार्यक्रमों पर रोक लगा दिया है. इन नेताओं के कोरोना पॉजिटिव होने के पहले प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल भी संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. फिलहाल वे बिल्कुल स्वस्थ हैं.
जदयू की तैयारी जारीजेडीयू चुनाव के लिए बेचैन दिख रहा है. अक्टूबर- नवंबर में चुनाव को लेकर अपनी तैयारी सोशल मीडिया के सहारे जारी रखे हुए है. इसकी कमान जदयू नेता आरसीपी सिंह के पास है. वे पार्टी के सीनियर नेता अपने प्रखंड स्तर के नेताओं से अभी भी वन टू वन वर्चुअल संवाद कर रहे हैं. वे चुनाव को लेकर उनको आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं. ताकि थोड़ी भी संभावना बने तो समय पर चुनाव कराया जा सके, हालांकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने को इससे थोड़ा अलग रखे हुए हैं. वे किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं. लंबे समय बाद शनिवार को मुख्यमंत्री कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे.
आरजेडी की बैठकें स्थगित
चुनाव को लेकर राजद कार्यालयों में भी पार्टी प्रकोष्ठों और जिला-प्रदेश के पदाधिकारियों की अलग-अलग कई बैठकें हो रही थीं. ज्यादतर बैठकों में तेजस्वी खुद भी मौजूद रहते थे, लेकिन पार्टी के नेता राजकिशोर यादव की कोरोना से मौत और कई सीनियर नेताओं के कोरोना से संक्रमित होने के बाद पार्टी ने भी अपनी सारी बैठकों को स्थगित कर दिया है. प्रदेश कार्यालय में भी आने-जाने से परहेज करने की हिदायत दी गई है. इससे पहले लॉकडाउन के दौरान 55 दिनों तक पटना से बाहर रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 12 मई को पटना आने के साथ ही अपनी धुआंधार दौरे शुरू कर दिए थे. विधानसभा चुनाव का अक्टूबर में विरोध के बाद भी तेजस्वी का चुनावी मूड कुछ दिन पहले तक बरकरार था. लॉकडाउन की बंदिशों के बावजूद वे पटना के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर गोपालगंज, वैशाली, समस्तीपुर, भोजपुर एवं रोहतास जिलों के लगातार दौरे करते रहे. चीन की सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के दौरान अक्सर उन्हें भीड़-भाड़ से घिरा देखा गया. यहां तक कि मीडिया से बात करने के दौरान भी उन्हें कई बार भीड़ की परवाह नहीं करते देखा गया. लेकिन पार्टी के सीनियर नेता राज किशोर यादव की मौत और कई के संक्रमित होने के बाद वे अपने सारे कार्यक्रम को रद्द कर दिए हैं.
कांग्रेस ने भी लगाया अपनी तैयारी पर ब्रेक
कोरोना के कारण पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया है. बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के निर्देश पर हर जिले के चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे, लेकिन अब यह अभियान टल गया है. गोहिल ने हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच प्रत्याशियों के चयन, बूथों पर पार्टी की स्थिति, स्थानीय मुद्दों की पड़ताल के लिए जिलावार प्रभारी नियुक्त किए थे. उन्हें जिलों में जाना था, किंतु पटना से प्रस्थान करने के पहले ही कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच फिर से लागू लॉकडाउन ने उनकी रणनीति पर बंदिशें लगा दी हैं. जिला प्रभारियों को अब पार्टी की नई गाइडलाइन का इंतजार है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि हमने इसकी सूचना पार्टी हाई कमान को दे दी है. वहां से नई गाइड लाइन के आने पर ही हम आगे की कार्रवाई करेंगे.
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