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यूपी सरकार (UP Government) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट (SC) में हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर फर्जी नहीं है. पुलिस ने एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया है.
हैदराबाद एनकाउंटर से अलग है विकास दुबे एनकाउंटर: यूपी सरकार
दरअलस कोर्ट ने पिछली तारीख पर संकेत दिया था कि वह हैदराबाद एनकाउंटर की तरह इस मामले में भी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर सकता है. अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि हैदराबाद एनकाउंटर के आरोपियों की आपराधिक पृष्टभूमि नहीं थी, जबकि विकास पर 64 मुकदमे दर्ज थे. उसका पुलिस पर कई बार फायरिंग करने का इतिहास रहा है.
मामले में न्यायिक आयोग और एसआईटी का गठनइस दौरान योगी सरकार ने बताया कि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज शशिकांत अग्रवाल की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. आयोग 2 जुलाई को eight पुलिसकमिर्यों की हत्या मामले से लेकर विकास और उसके गुर्गों के एनकाउंटर की जांच करेगा. आयोग को दो महीने में रिपोर्ट देनी है. इसके अलावा विकास और उसके गुर्गों की नेताओं व अन्य सफेदपोश लोगों से सांठगांठ को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में three सदस्यीय एसआईटी भी गठित की गई है.
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