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राजनीतिक उतार-चढ़ाव के साक्षी शिवकुमार बताते हैं कि कल्याण सिंह (Kalyan Singh) और कलराज मिश्रा (Kalraj Mishra) को उंगली पकड़कर लालजी टंडन ने काम सिखाया था.
राजनीतिक उतार-चढ़ाव के साक्षी शिवकुमार बताते हैं कि कल्याण सिंह और कलराज मिश्रा को उंगली पकड़कर लालजी टंडन ने काम सिखाया था. वहीं टंडन जी के बिना आज लखनऊ की कल्पना कोई नहीं कर सकता. उन्होंने बताया कि मेरा 50 साल पुराना साथी आज बिछड़ गया. शिवकुमार बीते दिनों को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं, फिर थोड़ रुककर बोले- मैं भी टंडन जी के परिवार का सदस्य हूं, भगवान मुझे भी इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करे.
टंडन के निधन पर जताया शोक
उन्होंने बताया कि आज कल मैं भी बीमार चल रहा हूं, और इलाज जयपुर में हो रहा है. बहुत इच्छा थी अंतिम दर्शन करने की, लेकिन स्वास्थ ठीक ना होने के कारण मैं लखनऊ नहीं आ सकता. उन्होंने अटलजी के साथ लंबा वक्त गुजारा. दुख की इस घडी में मैं उनके परिवार व चाहने वालों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.11 जून से अस्पताल में थे भर्ती
टंडन को गत 11 जून को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्कत के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था. टंडन की तबीयत खराब होने के चलते उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे. इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और उनके निधन के बाद लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए
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