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इससे पहले ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल (Kameshwar Chaupal) ने मीडिया में बयान दिया था कि राम मंदिर (Rameshwar) की नींव के 200 फुट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, जिसमें राम मंदिर का इतिहास सुरक्षित रहेगा.
ट्रस्ट के सदस्य ने कही थी टाइम कैप्सूल की बात
इससे पहले ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया में बयान दिया था कि राम मंदिर की नींव के 200 फुट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, जिसमें राम मंदिर का इतिहास सुरक्षित रहेगा. हम आपको बता दें कि 18 जुलाई को सर्किट हाउस में हुई ट्रस्ट की बैठक में भूमि पूजन की तारीख का मीडिया के सामने कामेश्वर चौपाल ने ही खुलासा कर दिया था.
नींव में ताम्रपत्र रखे जाने की आई बातट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व सदस्य कामेश्वर चौपाल के बयानों में भिन्नता से यह मालूम पड़ता है कि सदस्यों में तालमेल नहीं है. एक दूसरे के बयानों का खंडन किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक राम जन्म भूमि की नीव में एक ताम्रपत्र रखा जाएगा, जिसमें राम जन्म भूमि का संक्षिप्त इतिहास व शिलान्यास का ब्योरा लिखा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक इसी ताम्रपत्र को टाइम कैप्सूल मान लिया गया.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय
आधारशिला के के दौरान रखा जाएगा ताम्रपत्र
5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे, तब उसी नीव में इस ताम्रपत्र को रख दिया जाएगा ताकि राम जन्म भूमि का इतिहास सुरक्षित रहे. विवादों से दूर रहने के लिए राम मंदिर का इतिहास शिलान्यास के बाद इस ताम्रपत्र में सुरक्षित रहेगा. हालांकि नींव की गहराई कितनी होगी अभी इसका ट्रस्ट ने खुलासा नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि नीव की गहराई 100 फुट के आसपास होगी, जिसमें यह ताम्रपत्र सुरक्षित रखा जाएगा. राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं.
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