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इससे पहले सोमवार को बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) को आमंत्रण मिला है.
बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि मस्जिद के लिए जमीन मिली है. लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली है. उसे जो करना होगा करेगा. 70 सालों से लोग सियासत कर रहे थे, हिंदू मुस्लिम के नाम पर लड़ाई करवा रहे थे. मस्जिद मंदिर के नाम पर खाई पैदा कर रहे थे उस अध्याय का समापन हो गया. अंसारी कहते हैं कि अब लोग अयोध्या में विकास देखेंगे, क्योंकि अब तक सिर्फ नेता सियासत कर रहे थे. वह सपा हो या कांग्रेस, बसपा हो या फिर भाजपा हम किसी दल पर आरोप नहीं लगाते.
Security heightened in #Ayodhya forward of basis laying ceremony of #RamTemple on August 5. pic.twitter.com/Iyupb1m9k1
— ANI UP (@ANINewsUP) August 4, 2020
इकबाल अंसारी ने कहा हम खुश हैं पूरे हिंदुस्तान के मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, अयोध्या में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च भी हैं. हम सब मिलकर अयोध्या का विकास करेंगे. ये भी पढे़ं- वाराणसी: भक्तों ने ‘रामलला बैंक’ से लिया था भव्य राम मंदिर बनने के लिए कर्ज
इससे पहले सोमवार को बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) को आमंत्रण मिला है. राम मंदिर की नींव रखने की रस्म में शामिल होने का निमंत्रण मिलते ही उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह भगवान राम की इच्छा थी कि मुझे पहला निमंत्रण मिले, मैं इसे स्वीकार करता हूं. बता दें कि पिता हाशिम अंसारी के बाद मो. इकबाल ने अदालत में मस्जिद की पैरोकारी की थी. साल 2010 में हाईकोर्ट का निर्णय आने के पूर्व मंदिर-मस्जिद रार चरम पर थी, तब हाशिम ने सीना ठोक कर कहा कि वह कोर्ट का हर निर्णय मानेंगे. भले ही फैसला रामलला के हक में आये.
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