[ad_1]
अमेठी (Amethi) के मौनी महाराज ने कहा कि अयोध्या (Ayodhya) से लगातार महात्माओं के फोन आ रहे हैं. प्रभु श्री राम के मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के वह भी साक्षी बनेंगे.
मौनी महाराज ने कहा कि अयोध्या से लगातार महात्माओं के फोन आ रहे हैं. 492 वर्षो के बाद ऐतिहासिक प्रभु श्रीराम के भूमि पूजन कार्यक्रम के वह भी साक्षी बनेंगे. बता दें मौनी महाराज श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए पिछले 29 साल से तपस्या कर रहे हैं. अब तक मौनी महाराज 1,488 किलोमीटर लेटकर परिक्रमा कर चुके हैं.
बता दें राम मंदिर को लेकर अमेठी समेत देश प्रदेश के विभिन्न स्थलों में अनुष्ठान होते रहे हैं. मौनी महाराज भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए हर साल सावन माह में कई लाख दीप जलाकर प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण की भगवान महाकाल से प्रार्थना करते हैं.
प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण हर सनातनी को करेगा गर्वितसागरा आश्रम पीठाधीश्वर मौनी महाराज भी 5 अगस्त को भगवान श्री राम के मंदिर की भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए बेहद उत्साहित हैं. बाबूगंज सागरा आश्रम के पीठाधीश्वर एवं एक फायरब्रांड संत के रूप में अपनी पहचान रखने वाले मौनी महाराज हर वर्ष नवरात्र और सावन में बड़े धार्मिक अनुष्ठान को करते हैं. साथ ही प्रयागराज के संगम में भी हर वर्ष अनुष्ठान में श्रीराम मंदिर निर्माण का संकल्प प्रमुखता से रहता है. अब जब श्रीराम मंदिर के निर्माण की घड़ी समीप आ गई है तो मौनी महाराज ने कहा कि हर सनातनी के लिए गर्वित होने का दिन आ गया है.
55 बार भू-समाधि ले चुके हैं मौनी महाराज
फायर ब्रांड सन्त ने कहा कि प्रभु के मंदिर के लिए तपस्या उनकी अब पूरी हुई है. पिछले 29 सालों से इस सपने को साकार करने में लगा था. इसके लिए मैंने पिछले 29 साल से अब तक 1,488 किलोमीटर लेटकर परिक्रमा की है. अमेठी के सागरा आश्रम से काशी और अयोध्या तक पद यात्रा कर चुके हैं. प्रभु के मंदिर निर्माण के लिए अब तक 55 बार भू-समाधि भी ली है और 17 बार जल समाधि भी ले चुके हैं.
इतना ही नहीं अब तक काशी, अयोध्या समेत देश के विभिन्न हिस्सों में three करोड़ 88 लाख दीपक रामलला के लिए आश्रम समेत कई स्थलों पर जलाएं गए हैं. 5 वर्ष पूर्व उन्होंने 84 कोसी परिक्रमा व प्रभु के दर्शन के लिए तमाम शारीरिक मानसिक यातनाएं भी सही साथ ही कई दिनों तक धरना प्रदर्शन का हिस्सा रहे हैं. लेकिन ये सारे कष्ट अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के सामने कुछ नहीं है.
[ad_2]
Source