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Kanpur Shootout: अनूप अवस्थी नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर करके केएल गुप्ता को विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) मामले की जांच कमिटी से हटाने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया केएल गुप्ता जांच को प्रभावित कर सकते हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने अपने मीडिया इंटरव्यू में पहले ही पुलिस को क्लीन चिट दे दिया है. ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है. लिहाजा उनकी जगह पर किसी दूसरे को कमिटी में शामिल करना चाहिए. इस याचिका में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता के अलावा हाइकोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल को भी बदलने की मांग की गई है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता को विकास दुबे मुठभेड़ मामले में गठित जांच समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी गुप्ता पर आक्षेप लगाने का अवसर नहीं देगा. अदालत ने पूर्व डीजीपी पर मीडिया की खबरों पर गौर करते हुए कहा कि विकास दुबे मुठभेड़ मामले में जांच गलत नहीं होगी, क्योंकि जांच समिति में शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल हैं.
यह भी पढ़ें :- शूटआउट वाली रात 5 किमी तक साइकिल से भागा था विकास दुबे, यहां पहुंचकर ली थी बाइक!बीते 10 जुलाई को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन से कानपुर लाए जा रहे कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे एक एनकाउंटर में ढेर हो गया था. पुलिस के मुताबिक, भागने की कोशिश में उसे गोलियां लगीं. एनकाउंटर से पहले उस गाड़ी का एक्सीडेंट भी हुआ था, जिसमें विकास को लाया जा रहा था. इस बारे में एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार पी ने बताया कि कैसे कुछ गाड़ियों से पीछा छुड़ाने के लिए पुलिस को स्पीड में गाड़ी दौड़ानी पड़ी और दुर्घटना हो गई. इस दौरान यूपी एसटीएफ (UP STF) भी साथ थी.
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास दुबे को ला रहे काफिले के पीछे कुछ गाड़ियां लगी हुई थीं. यह लगातार पुलिस के काफिले को फॉलो कर रही थीं, जिसकी वजह से गाड़ी तेज़ भगाने की कोशिश की गई. बारिश तेज़ थी, इसलिए गाड़ी पलट गई.
एसएसपी के मुताबिक, इस मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे भागने की कोशिश में था. हमारे एसटीएफ जवान इस गाड़ी को पीछे से फॉलो कर रहे थे. उन्होंने कॉम्बिंग की. इस दौरान फायरिंग हुई और सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे पर गोली चलाई गई. इसमें वह मारा गया.
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हालांकि, सोशल मीडिया और यहां तक की यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी इस एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए यूपी सरकार से दोबारा कमिटी बनाने को कहा था. कमिटी अभी जांच कर रही है.
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