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बता दें जनहित याचिका में इन एनकाउंटर की ज्यूडिशियल इंक्वायरी की मांग की गई है. याचिका में कोर्ट से ज्यूडिशियल इन्क्वायरी की मानीटरिंग की भी मांग की गई है. इसके साथ ही याचिका में विकास दुबे के परिजनों को सुरक्षा दिए जाने की मांग की गई है. बता दें चीफ जस्टिस गोविंद माथुर 13 जुलाई को जनहित याचिका पर सुनवाई की सहमति दे चुके हैं. अब 20 जुलाई को इस पर सुनवाई होगी. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्रा ने ये जनहित याचिका दाखिल की है.
बता दें इससे पहले मामले की जांच को लेकर प्रभाशंकर मिश्रा दो बार चीफ जस्टिस को पत्र भी लिख चुके हैं, जिसमें मामले में स्वत: संज्ञान लेने की अपील की गई.
एसआईटी और जांच आयोग का गठनउधर विकास दुबे एनकाउंटर मामले पर योगी सरकार ने मामले में सीनियर आईएएस संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है, जो 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके अलावा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शशिकांत अग्रवाल की अगुवाई में एक जांच आयोग का भी गठन किया है. इस आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा और दो महीने में इसकी रिपोर्ट आएगी.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि 2 जुलाई की रात विकरू गांव में घटित हुई घटना और उसके बाद 10 जुलाई तक इस प्रकरण से संबंधित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के मध्य हुई मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है. इसलिए इसकी जांच आवश्यक है. लिहाजा रिटायर्ड जज शशि कांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है.
विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर की भी होगी जांच
राज्य सरकार ने बताया कि जांच आयोग 2 जुलाई को अपराधी विकास दुबे व उसके सहयोगियों द्वारा की गई घटना जिसमे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी व अन्य कर्मी घायल हुए थे, उनकी गहनतापूर्वक जांच करेगा. साथ ही 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे व अलग-अलग स्थानों पर एनकाउंटर में मारे गए उसके साथियों की भी जांच करेगा.
एनकाउंटर पर खड़े किए गए थे कई सवाल
बता दें पिछले दिनों गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था. दरअसल विकास दुबे एक दिन पहले ही उज्जैन में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद यूपी एसटीएफ उसे सड़क मार्ग से उज्जैन से कानपुर ला रही थी. यहां कानपुर में सुबह एसटीएफ की एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद पता चला कि विकास दुबे ने इस दौरान भागने की कोशिश की और पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फायर किया. जवाबी फायरिंग में वह मारा गया. उधर इस एनकाउंटर के बाद विपक्षी दलों और तमाम संगठनों ने कई सवाल खड़े किए थे.
मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीबीआई जांच की मांग की थी वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस प्रकरण की जांच की मांग की थी.
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