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हाईकोर्ट (High Court) बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभा शंकर मिश्रा की ओर से दाखिल इस जनहित याचिका पर सुनवाई की स्वीकृति चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने दे दी है. 15 जुलाई को इस जनहित याचिका पर सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि ऐसी ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय की तरफ से दाखिल की गई है जिसमें विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की गई है. इस पर भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.
सरकार ने एसआईटी के साथ एक सदस्यीय जांच आयोग का किया है गठन
उधर विकास दुबे एनकाउंटर मामले पर विकाश के लगातार हमलावर होने के बाद योगी सरकार ने मामले में संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है, जो 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके अलावा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शःसिकांत अग्रवाल की अगुवाई में एक जांच आयोग का भी गठन किया है. इस योग का मुख्यालय कानपुर में होगा और दो महीने में इसकी रिपोर्ट आएगी.राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि 2 जुलाई की रात विकरू गांव में घटित हुई घटना और उसके बाद 10 जुलाई तक इस प्रकरण से संबंधित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के मध्य हुई मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है. इसलिए इसकी जांच आवश्यक है. लिहाजा रिटायर्ड जज शशि कांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है.
विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर की भी होगी जांच
राज्य सरकार ने बताया कि जांच आयोग 2 जुलाई को अपराधी विकास दुबे व उसके सहयोगियों द्वारा की गई घटना जिसमे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी व अन्य कर्मी घ्यायल हुए थे उनकी गहनतापूर्वक जांच करेगा. साथ ही 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे व अलग-अलग स्थानों पर एनकाउंटर में मारे गए उसके साथियों की भी जांच करेगा.
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