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एसआईटी (SIT) पिछले एक साल में विकास दुबे (Vikas Dubey) और उसके करीबियों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) चेक करेगी. जिससे यह पता चल जाएगा कि विकास दुबे की किससे-किससे और कब-कब बात हुई. कॉल डिटेल से विकास से नेटवर्क की निगरानी होगी और पूरे नेक्सेस खुलासा किया जाएगा.
निकाली जाएगी एक साल की सीडीआर
एसआईटी विकास दुबे के माध्यम से सिस्टम में बने सुराखों को तलाशने की तैयारी कर रही है. एसआईटी विकास दुबे के आपराधिक और आर्थिक मजबूती के मददगारों को तलाशने में जुटी है. एसआईटी पिछले एक साल में विकास दुबे और उसके करीबियों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड चेक करेगी. जिससे यह पता चल जाएगा कि विकास दुबे की किससे-किससे और कब-कब बात हुई. कॉल डिटेल से विकास से नेटवर्क की निगरानी होगी और पूरे नेक्सेस खुलासा किया जाएगा. इस जांच की जद में पुलिस, प्रशासन, उद्योगपति जगत में विकास के करीबियों को लाने की तैयारी है.
कानपुर के चौबेपुर बिकरु कांड के लिए बनी एसआईटी के मायनेजांच की गठित एसआईटी को पिछले एक साल में विकास दुबे और उसके साथियों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालने के निर्देशदिए गए हैं. कॉल डिटेल से विकास दुबे के पुलिस, नेताओं, उद्योगपतियों, फाइनेंसर से संबंधों का खुलासा होगा. गौरतलब है कि विकास दुबे को हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा मिल चुकी थी. जिसमें फिलहाल वो जमानत पर बाहर था. उसकी जमानत निरस्त कराने के लिए क्या प्रयास किए गए? अगर नहीं किए गए तो किसने नहीं किए? विकास दुबे के ऊपर गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट की कार्रवाई हुई या नहीं? गैंगस्टर एक्ट में भी संपत्ति सीज़ करने का प्रावधान है ,क्या यह कार्रवाई विकास दुबे के ऊपर हुई थी, नहीं हुई थी तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विकास दुबे ने किसी सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा किया था, यदि हां तो उसे हटाने के लिए क्या प्रयास हुए. यदि नहीं हुए तो क्यों नहीं हुए? उसके लिए जिम्मेदार कौन है? कई मुकदमों के बावजूद विकास के परिजनों और करीबियों को असलहों के लाइसेंस कैसे मिले? किसी ने उसको रोकने के प्रयास क्यों नहीं किए? इसलिए जिम्मेदार कौन है? इसके अलावा एसआईटी यह भी राय देगी कि विकास और उसके करीबियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने की जरूरत है या नहीं.
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