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गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 6 बजे जब यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम उज्जैन से कानपुर (Kanpur) ला रही थी उसी समय हाइवे पर उसका एनकाउंटर (Encounter) कर दिया गया.
बता दें कि अगर किसी अपराधी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है और न्यायिक हिरासत में रहते हुए अपराधी के साथ किसी भी तरह की कोई अनहोनी हो जाती है या फिर वह किसी भी कारण से एनकाउंटर में मारा जाता है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को देनी पड़ती है. यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि एमपी पुलिस ने भी विकास दुबे को हिरासत में लिया था और यूपी पुलिस को सौंप दिया था. ऐसे में जब विकास दुबे को कानपुर लाया जाता उसके बाद ही उसकी गिरफ्तारी दिखाई जाती लेकिन उसके पहले ही विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया.
गौरतलब है कि विकास दुबे को शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 6 बजे जब यूपी एसटीएफ की टीम उज्जैन से कानपुर ला रही थी उसी समय एसटीएफ की एक गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और वह पलट गई. एसटीएफ की जिस गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ उसी में विकास दुबे सवार था. पुलिस ने बताया कि मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे ने भागने की कोशिश की. इसके बाद एसटीएफ की टीम ने विकास को रोकने की कोशिश की लेकिन उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे मारा गया.
इसे भी पढ़ें :- 30 साल तक मिटाता रहा सबूत, पढ़ें कैसे 7 दिन में खत्म हो गया गैंगस्टर विकास दुबे का खेलबताया जाता है कि खून से लथपथ हालत में उसे हैलट अस्पताल लाया गया जहां प्राथमिक जांच के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस हादसे में चार पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है और उन्हें सीसीएस कल्याणपुर में प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर अस्पताल ले जाया गया है.
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