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घटना के 5 दिन बाद भी पुलिस (Police) सिर्फ मकान की तलाशी ले पाई है और उसकी नापजोख में लगी हुई है. लेकिन अभी तक मकान पर कानपुर (Kanpur) की तरह से बुलडोजर नहीं चल पाया है.
लेकिन अभी तक मकान पर कानपुर (Kanpur) की तरह से बुलडोजर नहीं चल पाया है. इसके पीछे कि वजह यह है कि पुलिस बेवजह किसी पचड़े में नहीं पड़ना चाहती है. क्योंकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि लखनऊ का यह मकान विकास के नाम पर है भी के नहीं. मकान की तलाशी में पुलिस को अभी तक मकान की रजिस्ट्री भी नहीं मिली है.
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शूटआउट वाली रात 5 किमी तक साइकिल से भागा था विकास दुबे, यहां पहुंचकर ली थी बाइक!साइिकल से भागा था गैंगस्टर विकास दुबे
कानपुर में हुए शूटआउट वाली रात गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की गोलियों से बचता हुआ साइिकल लेकर विकरू गांव से भागा था. करीब 5 किमी दूर तक साइिकल चलाते हुए वो शिवली कस्बे तक गया था. वहां जाकर उसने किसी की बाइक ली थी. पुलिस की मोबाइल सर्विलांस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इसी कस्बे में पहुंचकर 8 पुलिस वालों की हत्या के आरोपी विकास ने अपना मोबाइल बंद किया था. बताया जा रहा है कि बाइक से ही विकास लखनऊ की ओर भागा था. उसी वक्त विकास की पत्नी लखनऊ वाले घर से फरार हुई थी. उसकी आखिरी लोकेशन चंदौली मिली है. उसके साथ उसका बेटा भी बताया जा रहा है.
फरीदाबाद में एसटीएफ के हाथ आते-आते रह गया विकास
हिस्ट्रीशीटर और मुख्य आरोपी विकास दुबे यूपी एसटीएफ के हाथ आने से पहले ही निकल गया. कानपुर हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से भागा-भागा फिर रहा विकास, हरियाणा के फरीदाबाद में एक होटल में कमरा लेने पहुंचा था. लेकिन आईडी नहीं होने की वजह से उसे कमरा नहीं मिला. यह जानकारी मिलते ही एसटीएफ होटल पहुंची, लेकिन तब तक वहां से निकल चुका था.
यूपी एसटीएफ ने फरीदाबाद में उसके दो करीबियों को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ कर रही है. एसटीएफ को आशंका है कि विकास दुबे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में हैं. फ़िलहाल कुछ ही देर में एसटीएफ इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस करेगी.
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