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गेल के बिहार हेड रजनीश गोयल ने बताया कि गैस पाइपलाइन कहां-कहां से गुजरी है, इसकी पूरी जानकारी सभी विभागों को दी गई है, लेकिन शनिवार को सड़क मरम्मत की जानकारी पथ निर्माण विभाग की ओर से नहीं दी गई थी.
मौके पर तत्काल पहुंचे अग्निशमन विभाग और गेल के कर्मियों ने स्थिति पर नियंत्रण पाया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. दरअस आरा गार्डेन मोड़ के पास शनिवार देर रात खुदाई का कार्य चल रहा था. गैस कंपनी और खुदाई में लगे लोगों के बीच समन्वय नहीं होने के कारण गैस पाइपलाइन को क्षति पहुंची और इससे अचानक गैस का रिसाव होने लगा. इसके बाद खुदाई कर रहे श्रमिक मौके से भाग खड़े हुए. तत्काल घटना की सूचना गैस कंपनी और अग्निशमन विभाग को दी गई.
अग्निशमन विभाग के कर्मियों और पास में ही काम कर रहे गेल के कर्मचारियों ने तत्काल इस पर काबू पाया. बताया जाता है कि घरेलू गैस पाइपलाइन के आपूर्ति को किसी इमरजेंसी घटना के समय बंद करने के लिए हर एक किलोमीटर पर एक वॉल्व दिया गया है. आरा गार्डेन के घटनास्थल के महज 8-9 मीटर की दूरी पर ही यह वॉल्व था, जिसे बंद कर रिसाव को तुरंत रोक दिया गया. यदि ऐसा नहीं होता तो बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था. इस बाबत गेल के बिहार हेड रजनीश गोयल ने बताया कि गैस पाइपलाइन कहां-कहां से गुजरी है, इसकी पूरी जानकारी सभी विभागों को दी गई है, लेकिन शनिवार को सड़क मरम्मत की जानकारी पथ निर्माण विभाग की ओर से नहीं दी गई थी.
सूचना दी गई होती तो गेल की एक टीम साथ होती. बता दें कि घरेलू गैस (एलपीजी) की पाइपलाइन आइआइटी बिहटा से शहर में आपूर्ति के लिए बिछायी गयी है. वर्तमान में इसके माध्यम से एम्स, जगदेव पथ, जलालपुर सिटी अपार्टमेंट, पुनाईचक, आइजीआइएमएस तक घरों में गैस के कनेक्शन दिए गए हैं और इसके आगे के विस्तार प्रक्रिया तेजी से चल जारी है.
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