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बन्दराहा गांव (Bandraha Village) कन्नौज जनपद की सीमा पर स्थित है. इस गांव में कोई भी प्राथमिक व जूनियर विद्यालय तक नहीं है. साथ ही विकास कार्यों में गांव वालों से भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाता है
बन्दराहा गांव कन्नौज जनपद की सीमा पर स्थित है. इस गांव में कोई भी प्राथमिक व जूनियर विद्यालय तक नहीं है. साथ ही विकास कार्यों में गांव वालों से भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाता है. यहां के रहने वाले लोगों ने बताया कि गांव में कोई विद्यालय नहीं है, जिसके चलते गांव के बच्चे नदी पार करके सिमरिया कन्नौज पढ़ने के लिए जाते हैं. लेकिन सिमरिया कन्नौज की दूरी दूसरे रास्ते से बहुत है. जिसके चलते नदी पार करने पर महज three किलोमीटर में ही गांव के लोग सिमरिया पहुंच जाते हैं. इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को पांडु नदी पर पुल बनाने की मांग की थी, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
स्वयं ही पुल बनाने का बीड़ा उठाया
इसके बाद ग्रामीणों ने स्वयं ही पुल बनाने का बीड़ा उठाया और चंदा एकत्र करके लकड़ी मंगवाई और पिलर खड़ा करके लकड़ी का पुल बना दिया. जिससे कोई भी पैदल व्यक्ति आसानी से पुल के माध्यम से पांडु नदी को पार कर जाता है. लेकिन खतरे की संभावना रहती है. गौरतलब है कि जून और जुलाई में लोग आसानी से नदी को पार कर जाते हैं लेकिन बरसात के मौसम में भारी बारिश के बाद यह पुल बह जाता है. इसके बाद इस गांव के बच्चे लगभग three महीने विद्यालय पढ़ने नहीं जा पाते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार भले ही विकास के दावे करती हो लेकिन रसूलाबाद विकास खंड क्षेत्र के बन्दराहा गांव में उसकी झलक नहीं दिखती. यहां आज भी आजादी के बाद लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.विषधन की दूरी अधिक होने के कारण कोई नहीं जाता
यहां के रहने वाले शिवराम सिंह, हरिओम, चंद्रपाल, रामपाल, महिपाल, सर्वेश इत्यादि लोगों ने बताया कि बन्दराहा गांव से सिमरिया के लिए बड़ा न सही कम से कम एक छोटा पुल बन जाए, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत न हो. और बच्चे भी आसानी से पढ़ने के लिए विद्यालय जा सकें. ग्रामीणों ने बताया कि उनके सभी कार्य सिमरिया,औसेर गांव से होते हैं. विषधन की दूरी अधिक होने के कारण कोई नहीं जाता. इसके लिए आवश्यक है कि एक छोटे से पुल का निर्माण करा दिया जाए ताकि गांव को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.
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