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सोन नदी (Sone River) में रेत खनन को लेकर गड्ढा बन गया था. बताया जाता है कि इसी गड्ढे में सभी बच्चे डूब गए और उनकी मौत हो गई.
बच्चों की मौत की खबर सुनते ही उनके घर में कोहराम मच गया. जानकारी के अनुसार मल्हीपट्टी निवासी गौहर अली के घर के चार बच्चे स्नान करने को कह कर निकल गए. गौहर अली खुद दुकान पर चले गए. जब बच्चों को घर से गए काफी देर हुआ तब उनकी खोजबीन शुरू की गई तभी किसी ने बताया कि सभी सोन नदी की तरफ गए हैं. बच्चों के साथ गए हुए कुछ बच्चे लौट रहें थे. तभी उनसब ने बताया कि चार बच्चे डूबे हुए हैं, उसके बाद लोगों का हुजूम खोजने के लिए निकल पड़ा. यह खबर जैसे-जैसे लोगों को मिली सभी सोन नदी की तरफ दौड़ पड़े, उसके बाद गोताखोर को बुलाया गया.
एक साथ बुझ गए घर के चिराग
घंटों मेहनत के बाद एक-एक कर सभी शवों को नदी से निकाला गया. मरने वाले बच्चों में गौहर का पुत्र असगर अली सात वर्ष, पुत्री अलिसा प्रवीण नौ वर्ष, भांजी सइमा परवीन 10 वर्ष और भांजा जैद आलम 12वर्ष हैं. सभी शवों को सदर थाना ने पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया और पोस्टमार्टम के बाद सभी शव को परिजनों को सौंप दिया गया. घटना की सूचना मिलते ही सदर प्रखंड के अंचल अधिकारी अंजू सिंह, थानाध्यक्ष रंजीत वत्स पहुंचे. घटना स्थल पर पहुंचकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुशील ने बीस बीस हजार रूपये का चेक मृतक के परिजनों को सौंपा.
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