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बुगरासी कस्बे (Bugarasi city) के निवासी रफीक (40) की कथित तौर पर रईस आजम ने 14 जुलाई को हत्या कर दी थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा कि रफीक का शव नगर पंचायत कार्यालय के पास से मिला था.
वहीं, आजम को एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया. उसके खुलासे के आधार पर, आजम के पड़ोसी नौशाद की छत से मृतक की खून से लथपथ पैंट बरामद हुयी. बुगरासी चौकी पर तैनात एसआई ऋषिपाल सिंह, हेड कांस्टेबल प्रदीप बालियान और कांस्टेबल सरसाद खान ने नौशाद को कथित रूप से फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देकर 40,000 रुपये की रिश्वत ली. इस संबंध में एसएसपी से शिकायत की गई, जिन्होंने मंगलवार को स्याना के क्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के आधार पर तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया.
रिश्वत लेते तीन वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया था
बता दें कि पिछले साल सीतापुर में पांच पुलिसकर्मियों के रात रिश्वत लेते तीन वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया था. सीओ सिधौली के सीयूजी नंबर पर भी किसी ने ये वीडियो भेजे तो उन्होंने तत्काल कप्तान को इसकी सूचना दी. एसपी के निर्देश पर सीओ ने पांचों पुलिसकर्मियों की पहचान कराई.पता चला कि चार पुलिसकर्मी एसपी ऑफिस व एक सिपाही सीओ सिधौली के ही ऑफिस का है. सीओ ने सिधौली कोतवाली में पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराकर एसपी को मामले की रिपोर्ट भेजी. इस पर एसपी ने पांचों पुलिसकर्मियाें का सस्पेंड करके सीओ बिसवां का मामले की जांच सौंपी थी.
व्हाट्सएप पर एक शख्स ने तीन वीडियो भेजे
पुलिस सूत्रों की मानें तो सीओ सिधौली अंकित कुमार के सीयूजी नंबर के व्हाट्सएप पर एक शख्स ने तीन वीडियो भेजे. सीओ ने वीडियो डाउनलोड कर देखे तो उनमें वर्दी पहने पुलिसकर्मी किसी से पैसे ले रहे थे. इस पर सीओ ने तत्काल इसकी जानकारी एसपी एलआर कुमार को दी और उन्हें तीनों वीडियो भी भेजे. इस पर कप्तान ने सीओ को वीडियो में पैसे ले रहे सभी पुलिसकर्मियों की पहचान कराकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
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