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हैदराबाद :
हैदराबाद म्युनिसिपल इलेक्शन (Hyderabad municipal election) के लिए आज वोटों की गिनती से कोई रिजल्ट आने के पहले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं ने बधाई संदेश पोस्ट करने शुरू कर दिए थे. यह जश्न भले ही समय से पहले हो लेकिन यह तय है कि बीजेपी ने हैदराबाद में काफी कुछ हासिल किया है.पार्टी खुद को विपक्षी पार्टी के रूप में स्थापित करने में सफल रही है. यह सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को चुनौती पेश करती हुई बड़ी ताकत के रूप में खुद रही है. सत्तारूढ़ पार्टी के रूप में विकल्प के तौर पर. अभी नहीं तो बीजेपी कम से कम, 2023 में टीआरएस के छह साल के शासन के कारण उपजी सत्ता विरोधी लहर का फायाद उठाने के बारे में सोच सकती है.
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Early developments rising from Hyderabad point out a change in common temper & form of issues to return.
Policies of transformative improvement are arduous to beat & at all times conquer hole populism & pretend narrative.#GHMCElectionresults#GHMCwithBJP
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) December 4, 2020
We have discovered our foothold n making a deep affect in South India. Victory in Hyderabad is a proof to that. And let me guarantee you, #TN will not be far. #2021elections we are going to make a grand entry into TN. Continue to imagine in @narendramodi ji and his clear govt. @BJP4India@blsanthosh
— KhushbuSundar (@khushsundar) December 4, 2020
पार्टी को ऐसे में TRS के विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है. कांग्रेस की बात करें तो बीजेपी के विपरीत उसने चुनाव लड़ने को लेकर उत्साह नहीं नहीं दिखाया. बीजेपी ने अपने लगभग हर शीर्ष नेता को चुनाव में उतारा. दूसरी ओर, कांग्रेस का एक भी नेता, पार्टी के लिए उम्मीद जगाने या गंभीर प्रतिद्वंद्वी के तौर पर पेश करने के लिए तेलगांना नहीं पहुंचा. एक शीर्ष नेता ने NDTV से कहा, ‘चिंता की बात यह है कि हैराबाद में वास्तविक रूप से तेलुगुदेशम पार्टी (TDP) के वोट बीजेपी के पक्ष में शिफ्ट हो गए.’
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बीजेपी कैडर इस बात से भी खासा उत्साहित है कि पार्टी नेतृत्व इस बात के संकेत दे रहा है कि वह तेलगांना को अपने प्लान का अहम हिस्सा मान रहा है. इसी के तहत पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी के तेलगांना के नेता बांदी संजय से चुनाव के बाद फोन पर बात की. संजय पार्षद से सांसद बने और अब राज्य के बीजेपी प्रमुख हैं. यह बीजेपी का आक्रामक रणनीति के जरिये कर्नाटक के बाद तेलगांना को भी दक्षिण भारत के दूसरे राज्य के रूप में अपने लिए संभावना तलाशने की रणनीति का हिस्सा है.
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