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हर कोर्ट के लिए टाइम स्लॉट अलग से दिया जाएगा. हर केबिन के बाहर अलग-अलग कोर्ट के लिए निर्धारित टाइम स्लॉट दिया रहेगा. इसे अलग से हाईकोर्ट की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा.
हर कोर्ट के लिए टाइम स्लॉट अलग से दिया जाएगा. हर केबिन के बाहर अलग-अलग कोर्ट के लिए निर्धारित टाइम स्लॉट दिया रहेगा. इसे अलग से हाईकोर्ट की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा.
ई -सेवा केंद्रों से भी सुनवाई की सुविधा
हाईकोर्ट ने पहली बार वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई के लिए ई -सेवा केंद्रों की सुविधा शुरु की है. शहर अलग अलग इलाकों हिस्सों में स्थित ऐसे आठ ई- सेवा केंद्रों की सूची दी गई है, जहां वकील हाईकोर्ट आए बिना अपने घर के नजदीक स्थित ई- सेवा केंद्र से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से मुकदमे में बहस कर सकेंगे. इसे ऑफ साइट सुविधा का नाम दिया गया है. इसके अलावा वकील पहले ही जारी अपने घर या ऑफिस से मोबाइल फोन, लैपटॉप या डेस्क टॉप के जरिए भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की सुविधा ले सकेंगे.वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से बहस के लिए पहले से देनी होगी सहमति
अधिवक्ता अपना मुकदमा ऑन साइट (हाईकोर्ट गेट पर बने केबिन) या ऑफ साइट (ई-सेवा केंद्र)में से किससे करना चाहते हैं ,इसका विकल्प उनको सुनवाई के एक दिन पहले ही दिन में एक बजे तक हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके मुकदमे में उस दिन सुनवाई नहीं हो सकेगी और मुकदमे में कोई दूसरी डेट दे दी जाएगी। वकीलों को केबिन में हेड -सेट भी प्रदान किए जाएंगे। लेकिन वकीलों से अपेक्षा की गई है कि अधिवक्ता खुद का हेड-सेट लेकर आएं। वीडियो कांफ्रेंसिंग से अच्छी सुनवाई के लिए वकीलों को अपने फोन या कंप्यूटर में गूगल क्रोम डाउन लोड करने की सलाह दी गई है।
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