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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अप्रैल, मई और जून में अलग-अलग विभागों के लिए 2000 पदों पर परीक्षाएं करवानी थीं. समय पर एग्जाम न हो पाने का खामियाजा कैंडिडेट को भुगतना पड़ रहा है.
यहां तक कि आयोग को जनवरी में जो एग्जाम कराने थे वह भी अभी तक पेंडिंग है. कुल 2000 पदों के लिए एग्जाम होने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं. आयोग के सचिव कहते हैं कि उन्हें एग्जाम कराने के लिए सेंटर्स नहीं मिल पा रहे हैं. स्कूल संचालक अपने स्कूलों को सेंटर में फिलहाल तब्दील नहीं करवाना चाह रहे हैं. संतोष बडोनी, सचिव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग बताते हैं कि हमारी कोशिश है कि एग्जाम जल्द हो. लेकिन अब एग्जाम कराने के लिए हमे दोगुने सेंटर्स चाहिए होंगे. मगर कोविड-19 के चलते सेंटर्स मिलने में दिक्कत आ रही है.
तारीख न निकलने से कई कैंडिडेट्स उम्र सीमा पार कर जाते हैं
वहीं, समय पर एग्जाम न हो पाने का खामियाजा कैंडिडेट को भुगतना पड़ रहा है. कई कैंडिडेट्स तो उम्र की सीमा पार कर चुके हैं. आयोग को अब अगर एग्जाम कराने हैं तो उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ एग्जाम कराने के लिए दोगुने सेंटर की जरूरत होगी. बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष संदीप राणा का कहना है कि समय पर एग्जाम की तारीख न निकलने से कई कैंडिडेट्स उम्र सीमा पार कर जाते हैं. यानी जो युवा सपना देख रहे थे कि उनकी जल्द सरकारी नौकरी लगेगी, उनको कोरोना के चलते अभी नौकरी के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है.
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