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COVID-19 से बचाव के लिए इस्तेमाल की जा रही पीपीई किट (PPE Kit) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा. एक पीपीई को एक बार ही इस्तेमाल की जा सकती है जिसकी अधिकतम इस्तेमाल अवधि 6 घंटे होती है. इस्तेमाल की गई पीपीई किट का कचरा अब एक बड़ी समस्या बन रहा है.
मानवता और पर्यावरण दोनों को फायदा
वर्तमान में कोविड-19 (COVID-19) से बचाव के लिए इस्तेमाल की जा रही पीपीई किट (PPE Kit) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा. एक पीपीई को एक बार ही इस्तेमाल की जा सकती है जिसकी अधिकतम इस्तेमाल अवधि 6 घंटे होती है. इस्तेमाल की गई पीपीई किट का कचरा अब एक बड़ी समस्या बन रहा है. ‘बायोफ्यूल्स’ (Biofuels) में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक इस्तेमाल के बाद फेंकी जाने वाली पीपीई के प्लास्टिक को उच्च तापमान रासायनिक प्रक्रिया यानि Thermal decomposition के माध्यम से जैव ईंधन में तब्दील किया जा सकता है.
देहरादून स्थित पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय की सपना जैन स्टडी के बारे में बताते हुए कहती हैं कि पीपीई किट में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को जैव ईंधन में तबदील किए जाने से मानवता और पर्यावरण दोनों को फायदा होगा और ऊर्जा का एक स्रोत भी उत्पन्न होगा. उन्होंने कहा कि पीपीई का डिस्पोज इसमें इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक की वजह से चिंता का विषय है क्योंकि ये किट एक बार इस्तेमाल के लिए बनाई जाती हैं फिर इन्हें डिस्पोज करना होता है. जैन ने कहा कि प्रस्तावित सुझाव पीपीई किट कचरा डिस्पोज की समस्या के समाधान में सहायक हो सकता है. (इनपुट-भाषा)
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