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भर्ती होने के तीसरे दिन मान कुंवर ने कोरोना के खिलाफ जंग लड़ना शुरू कर दिया. ईलाज और दवाइयों का असर यह हुआ कि उनका शरीर कोरोना वायरस से रिकवरी शो करने लगा. जिससे डॉक्टरों को उन्हें आईसीयू में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी. 95 बरस की मान कुंवर ने अपने हिम्मत और हौसले से कोरोना महामारी को हरा दिया
भर्ती होने के तीसरे दिन मान कुंवर ने कोरोना के खिलाफ जंग लड़ना शुरू कर दिया. ईलाज और दवाइयों का असर यह हुआ कि उनका शरीर कोरोना वायरस से रिकवरी शो करने लगा. जिससे डॉक्टरों को उन्हें आईसीयू में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी. 95 बरस की मान कुंवर ने अपने हिम्मत और हौसले से कोरोना महामारी को हरा दिया.
कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अंशुल जैन ने बताया कि मान कुंवर शुरू में चिंतित थीं क्योंकि वो पहली बार अस्पताल आई थीं. लेकिन धीरे-धीरे वह माहौल में ढल गईं. इलाज के दौरान जूनियर डाक्टरों ने मान कुंवर की उनके परिवारवालों से वीडियो कॉल पर बात कराई. डॉ. जैन के मुताबिक अस्पताल का स्टाफ उन्हें हल्दी वाला दूध और खाना देता था. भर्ती होने के दूसरे दिन से वो सामान्य हो गईं थी.
एक हफ्ते तक अभी होम आइसोलेशन में हैं मान कुंवरडॉक्टरों ने टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने और ठीक होने के बाद मान कुंवर को 25 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी. अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाते वक्त डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ वहां भर्ती मरीजों ने मान कुंवर के सम्मान में तालियां बजाकर उन्हें विदा किया. हालांकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार उन्हें सात दिन के होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है.
उम्र के इस पड़ाव पर कोरोना वायरस संक्रमण से जंग जीतकर सकुशल वापस घर लौटने पर हर कोई उनके हौसले को सलाम कर रहा है. मान कुंवर अपनी उम्र के सैकड़ों अन्य मरीजों के लिए प्रेरणादायी हैं.
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