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Lockdown में नुकसान होने के बाद देहरादून के four आरोपियों ने कंस्ट्रक्शन कारोबारी का अपहरण किया. पुलिस की दबिश देख अपहृत को किराए के मकान में छोड़कर भागे सभी आरोपी.
उत्तराखंड की शांत वादियां गुनाहगारों की पनाह के लिए पहले से महफ़ूज़ मानी जाती रही हैं. पहले ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब गुनहगारों ने उत्तराखंड में पनाह ली है लेकिन इस बार उड़ीसा से अपहरण करने वाला गुनहगार पुलिस की निगाह से नही बच पाया. आरोपी के पास से घटना में इस्तेमाल हुई स्विफ्ट कार और मोबाइल बरामद कर लिया गया है.
देहरादून के डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि कारोबार में काफ़ी नुक़सान होने के चलते four लोगों ने किडनैपिंग की योजना बनाई और 10 जुलाई को घटना को अंजाम दिया. हालांकि उन्हें इस बात की जानकारी लग गई थी कि पुलिस अपहृत कारोबारी की जगह-जगह तलाश कर रही है.
पुलिस की लगातार दबिश से ये लोग घबरा गए और कारोबारी को किराए के घर में छोड़कर फरार हो गए. मुख्य आरोपी राजीव दुआ 18 तारीख को अपनी कार से ओडिशा से देहरादून आ गया और तब से यहीं रह रहा था. मामले की कड़ियां जोड़ते हुए ओडिशा पुलिस को अपरहण के मास्टरमाइंड राजीव दुआ के बारे में पता चल गया था.
डोभाल चौक से गिरफ़्तार
चूंकि आरोपी मूल रूप से देहरादून का ही रहने वाला है इसलिए ओडिशा पुलिस ने फ़ोन से देहरादून पुलिस को इस मामले की जानकारी दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्राधिकारी डोईवाला और एसओजी के नेतृत्व में टीम गठित कर तुरंत राजीव दुआ की गिरफ़्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई.
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि सर्विलांस से पता चला कि आरोपी रायपुर क्षेत्र में कहीं छुपा हुआ है. इसके बाद मुखबिर तंत्र को एक्टिव कर आरोपी का पता लगाने की कोशिशें तेज़ की गईं और फिर आरोपी राजीव दुआ को रायपुर के डोभाल चौक क्षेत्र से से गिरफ्तार कर लिया गया.
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