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भाजपा विधायक बोले- सरकार का कोई माई-बाप नहीं होता और सरकारी अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुनते. विधायक के मुताबिक वो बैठक में खराब सड़कों और जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर शिकायत रख रहे थे लेकिन डीएम नीरज खैरवाल ने उनकी यादाश्त पर ही सवाल उठाने शुरु कर दिए.
नौकरशाही का विरोध
2022 का विधानसभा चुनाव (2022 Assembly Election) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, बीजेपी के विधायक खुलेआम नौकरशाही का विरोध करने लगे हैं. शुक्रवार को ऊधम सिंह नगर जिले में प्रभारी मंत्री मदन कौशिक (Madan Kaushik) की बैठक में किच्छा से बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला अधिकारियों और विशेषकर जिलाधिकारी पर बरस पड़े. प्रभारी मंत्री के सामने विधायक शुक्ला ने गुस्से में कहा कि सरकार का कोई माई-बाप नहीं होता और सरकारी अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुनते. विधायक शुक्ला के मुताबिक वो बैठक में अपनी विधानसभा की खराब सड़कों और जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अपनी शिकायत रख रहे थे लेकिन जिले के डीएम नीरज खैरवाल ने विधायक जी की यादाश्त पर ही सवाल उठाने शुरु कर दिए. शुक्ला के मुताबिक डीएम ने कहा कि विधायक जी आपकी यादाश्त ठीक नहीं है. आपके विधानसभा क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य हुए हैं. डीएम की ये बात सुनते ही विधायक जी का पारा चढ़ गया और वो बैठक से उठकर चलते बने. हालांकि प्रभारी मंत्री मदन कौशिक ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन विधायक शुक्ला नहीं माने. हालांकि बाद में मंत्री मदन कौशिक ने विधायक की नाराजगी को ठीक करार देते हुए कहा कि अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों की बात सुननी चाहिए और उसका सकारात्मक समाधान निकालना चाहिए.
लगातार धरने दे रहे हैं विधायक शुक्ला
किच्छा से विधायक राजेश शुक्ला अपनी ही पार्टी की सरकार होने के दौरान बार-बार धरना देने पर मजबूर हैं. चाहे बात शुगर मिल में किसानों के भुगतान की हो या पंतनगर यूनिवर्सिटी से डेली वेज कर्मचारियों को निकालने का मुद्दा हो या सिफारिश के बाद भी महिला को इलाज न मिलने को लेकर नाराजगी हो, विधायक शुक्ला धरने पर बैठ चुके हैं. इसी तरह रुद्रपुर-किच्छा को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत को लेकर भी विधायक ने सीएम आवास के बाहर धरने की चेतावनी दी है.
कांग्रेस ने बोला सरकार पर हमला
बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला के गुस्से ने कांग्रेस (Congress) को भी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने का मौका दे दिया है. तराई के कद्दावर कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ ने कहा है कि जब बीजेपी सरकार में अपने विधायकों की ही सुनवाई नहीं हो रही है तो फिर आम लोगों का क्या हाल होगा. बेहड़ ने कहा कि जनता को सोचना होगा कि 2022 में ऐसे विधायक न चुनें जो लोगों के काम अपनी सरकार होते हुए भी नहीं करा पा रहे हों और रोने-धोने और धरना-प्रदर्शन का नाटक कर जनता को बरगला रहे हों.
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