[ad_1]
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में वकीलों के विरोध के चलते न्यायालय प्रशासन खुली अदालत के साथ वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था को जारी रखने पर विचार कर रहा है.
बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह और महासचिव प्रभा शंकर मिश्र ने बुधवार को चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर को पत्र लिखकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की दुर्व्यवस्था से नाराजगी व्यक्त करते हुए खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी. गुरुवार को सुबह 10 बजे से विरोध शुरू हो गया. बार-बार बहस के दौरान लिंक टूट जाने और भीड़ के शोर-शराबे से परेशान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया.
वीडियो कांफ्रेंसिं से सुनवाई में ये आ रही समस्यामहासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने बताया कि चीफ जस्टिस ने शुक्रवार को अदालत बंद रखने व सोमवार 27 जुलाई से खुली अदालत में बहस की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति दी है, जिसका अधिवक्ताओं ने स्वागत किया है. एक बड़े हाल में 16 केबिन बनाए गए हैं. केबिन मे कंप्यूटर के जरिए ऑनलाइन बहस की सुविधा दी गयी है. लेकिन बार-बार लिंक टूटने और वकीलों की भीड़ के शोर और एक केबिन मे एक ही इयर फोन होने से विरोधी पक्ष बहस से अनभिज्ञ रह जाता था.
इयरफोन का झंझट
जब वही इयर फोन लगाया तो कोर्ट के सवाल का जवाब नहीं दे पाता. दूसरे एक ही इयर फोन का हर वकील के इस्तेमाल से कोरोना संकट बढने की आशंका ने वकीलों को विरोध के लिए मजबूर कर दिया और वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था विफल हो गई. वकीलों की आशंका सच साबित हुई कि सुनवाई में धन का अपव्यय किया गया.
[ad_2]
Source