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पूरे घटनाक्रम में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पहले से ही विकास दुबे (Vikas Dubey) को पुलिस की दबिश की सूचना मिल गई.
पुलिस रेड की हुई थी मुखबिरी
पूरे घटनाक्रम में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पहले से ही विकास दुबे को पुलिस की दबिश की सूचना मिल गई. पूरा घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहा है कि जैसे विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पूरी जानकारी थी. उसने किसी भी हद तक जाने की तैयारी कर रखी थी. देर रात जब पुलिस की टीमें उसके घर पहुंच गईं और उसके बचने का कोई रास्ता न निकला तो उसने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दे दिया. सड़क पर रास्ता रोककर लगाई गई जेसीबी भी रेड की पूर्व सूचना होने की तस्दीक कर रही है.
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बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ फरार हो गया था. 9 जुलाई को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया. उसे कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी, तभी गाड़ी पलट गई और विकास दुबे हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया है.
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