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काशी (Kashi) में इस बार सावन की रंगत फीकी है. घाटों से लेकर गलियों तक में बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ है. कोरोना (Coronavirus) की वजह से मंदर में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन किया जा रहा है. सावन (Sawan) के महीने में मंदिर के गर्भगृह तक जाने की अनुमति किसी भी भक्त को नहीं मिलेगी.
गौदोलिया से मंदिर तक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती
पहले शहर में जगह-जगह कांवड़ियों के लिए कैंप लगते थे. पहली बार यादव समाज के सिर्फ 5 लोग ही जलाभिषेक के लिए मंदिर पहुंचे थे जबकि परंपरा के मुताबिक, हर साल सावन के पहले सोमवार को हजारों की संख्या में यादव समाज के लोग सीधे गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक करते थे. पिछले साल एक लाख से ज्यादा लोगों ने पौने तीन घंटे तक जलाभिषेक किया था. पहले सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों भक्तों की भीड़ होती थी, वहां इस बार सिर्फ पांच श्रद्धालु ही मौजूद रहे. गौदोलिया से मंदिर तक के रास्ते में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
इसे भी पढ़ेंः Sawan Somvar 2020: रुद्राक्ष धारण करने से पहले जरूर जान लें ये बातें, जानें धार्मिक महत्वस्पीड पोस्ट के जरिए भोलेनाथ के भक्तों को मिलेगा प्रसाद
इस बार ऑनलाइन रुद्राभिषेक होगा और डाक विभाग से स्पीड पोस्ट के जरिए भोलेनाथ के भक्तों को प्रसाद भेजा जाएगा. यह प्रसाद 251 रुपए में मिल सकेगा. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद घर बैठे मंगवाने के लिए अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस से मात्र 251 रुपए का ई-मनीऑर्डर प्रवर डाक अधीक्षक, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा. डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवलप में स्पीड पोस्ट द्वारा पहुंचाया जाएगा. मंदिर में रुद्राभिषेक और आरती के शुल्क में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है. कोरोना की वजह से नागपंचमी के दिन काशी के नागकूप पर भी विद्वानों का जमावड़ा शास्त्रार्थ के लिए नहीं होगा. सावन माह के दौरान काशी में शिव और राम कथा कहने वाले कई कथावाचक भी इस बार मंदिर में मौजूद नहीं हैं. जिलों की सीमाओं पर पुलिस तैनात की गई है. अगर कोई श्रद्धालु बाहर से बाबा के दर्शन के लिए आता है तो उसे वापस लौटा दिया जाएगा. इस कारण मंदिर के आसपास पूजा, फूल, दूध, श्रृंगार की अतिरिक्त दुकानें भी नहीं लग पाई हैं. पहले मंदिर में दर्शन के लिए पांच किमी से ज्यादा लंबी लाइन लगती थी.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद, घर बैठे मंगवाने के लिए अपने नज़दीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 का ई-मनीआर्डर प्रवर डाक अधीक्षक, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा।
डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ़ इनवलप में स्पीड पोस्ट द्वारा पहुँचाया जाएगा । pic.twitter.com/mRNjEOlDjw— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) July 7, 2020
गर्भगृह के चारों दरवाजों पर बाहर से ही अर्घ की व्यवस्था
सावन के सोमवार पर दो लाख से ज्यादा लोग दर्शन करने आते थे लेकिन इस बार प्रशासन का लक्ष्य 25 हजार लोगों को दर्शन कराने का है. मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष और कमिश्नर दीपक अग्रवाल के अनुसार कोरोना के कारण कुछ सावधानियां बरती जा रही हैं. प्रत्येक सोमवार को जलाभिषेक होगा लेकिन भक्तों को दूर से ही करना होगा. गर्भगृह में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई है. गर्भगृह के चारों दरवाजों पर बाहर से ही अर्घ की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालु वहीं से बाबा का जलाभिषेक करेंगे और जल सीधे बाबा तक पहुंचेगा. मंदिर परिसर में जाने के लिए तीन जोन बनाए गए हैं, पहला जोन मंदिर के अंदर है जहां केवल 5 श्रद्धालु ही प्रवेश कर सकेंगे.
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