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UBSE Uttarakhand board end result 2020: गौरव ने अपनी सफलता का श्रेय उनके शिक्षकों और माता पिता को दिया है.
किताबें पहले
गौरव का कहना है कि वैसे तो वह नियमित रूप से three से four घंटे पढ़ाई करते हैं, जिसकी वजह से उनकी पढ़ने की अच्छी आदत बनी हुई है. हाईस्कूल बोर्ड की तैयारी के लिए उन्होंने पढ़ाई क समय बढ़ा दिया था और वह 5 से 7 घंटे तक रोज़ पढ़ाई कर रहे थे. उन्होंने हर विषय को पूरा टाइम दिया. गौरव का कहना है कि उनके शिक्षकों ने पढ़ाई में उनको पूरी तरह से गाइड किया और कभी-कभी एक्स्ट्रा टाइम भी दिया.
गौरव का कहना है कि आजकल स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए मोबाइल और कम्यूटर को ज़्यादा समय देते हैं लेकिन इन चीजों के उपयोग से पहले आपको अपने सब्जेक्ट की किताबों की अच्छी तरह से पढ़नी चाहिएं. फिर आप इंटरनेट के माध्यम से उसे और पक्का कर सकते हैं और अपनी जानकारी को बढ़ा सकते हैं.
गौरवान्वित माता-पिता
गौरव बताते हैं कि उन्होंने अपने विषय की किताबों को अच्छी तरह पढ़ा और नोट्स बनाए. कहीं कोई शंका हुई तो पहले शिक्षकों से बात की और उसके बाद इंटरनेट की भी मदद ली. गौरव का कहना है कि अब आगे और मेहनत करेंगे और इंटरमीडिएट में टॉप करना उनका अगला टारगेट होगा.
गौरव के माता-पिता कहते हैं कि गौरव शुरुआत से ही पढ़ाई में अच्छा था .
गौरव के माता-पिता गौरवान्वित हैं. वह कहते हैं कि गौरव शुरुआत से ही पढ़ाई में अच्छा था और अपना अधिकतर समय पढ़ने को ही देता था. गौरव के पिता कृष्णदत्त सकलानी स्वजल परियोजना नई टिहरी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं. मूल रूप से खुरेत गांव का सकलानी परिवार नई टिहरी जिला मुख्यालय में रहता है.
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