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आबकारी विभाग (Excise Department) के मुताबिक दुकानों की एक साल की लाइसेंस फीस 12 लाख रुपये तय की गई है. जो किसी व्यक्ति, कंपनी, फर्म अथवा सोसाइटी से प्राप्त किया जा सकता है.
अपर मुख्य सचिव (आबकारी) संजय भूसरेड्डी ने बताया कि विगत कुछ वर्षो से शापिंग माल में खरीददारी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है जिसे देखते हुये इनमें महंगी विदेशी शराब बेचने की अनुमति प्रदान की गयी है. इन दुकानों से आयातित विदेशी शराब, भारत में बनी स्काच, ब्रांडी, जिन और वाइन के सभी ब्रांड ग्राहक खरीद सकते है. उन्होंने कहा कि लाइसेंस प्रक्रिया सोमवार 27 जुलाई से शुरू हो जायेंगी. भुसरेडडी के अनुसार उप्र सरकार कैबिनेट ने एक माह पूर्व शापिंग माल्स में शराब बेचने के फैसले पर अपनी मुहर लगायी थी.
भूसरेड्डी के मुताबिक शॉपिंग मॉल्स में 700 रुपये से ऊपर के प्रीमियम एवं आयोतित ब्रांड मिलेंगे. इसके साथ ही 160 रुपये से ऊपर की प्रीमियम एवं आयातित ब्रांड की बीयर के कैन बेचने की अनुमति भी मिलेगी. उन्होंने बताया कि एसी दुकानों की सालाना लाइसेंस फीस 12 लाख रूपये तय की गयी है, जो किसी व्यक्ति, कंपनी, फर्म या सोसाएटी द्वारा प्राप्त किया जा सकता है. इन दुकानों में ग्राहको को प्रवेश करने तथा अपनी इच्छानुसार खुद से ब्रांड चुनने की सुविधा होगी.
ये भी पढे़ं- बड़ी कार्रवाई: पहली बार सेक्स रैकेट संचालक की अकूत संपत्ति सीजबता दें कि कोरोना काल में राजस्व के लिहाज से महत्वपूर्ण आबकारी विभाग ने भी four मई से शराब और बियर की दुकानों को खोलने का आदेश दिया था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया था. योगी सरकार ने शराब उत्पादन करने वाली कंपनियों को 20 अप्रैल से शराब और बीयर उत्पादन की अनुमति दी थी. इससे पहले लॉकडाउन के कारण यूपी में शराब की बिक्री बंद थी.
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