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एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह (Mulayam Singh) उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया.
वीडियो जारी कर अपने चिर परिचित अंदाज में अमर सिंह ने कहा था, ‘सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं. मैं बीमार हूं, त्रस्त हूं लेकिन संत्रस्त (डरा) नहीं हूं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है, होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने ये अफवाह बहुत तेजी से फैलाई कि मुझे यमराज ने अपने पास बुला लिया है. यह बिल्कुल भी सच नहीं है। मेरा इलाज चल रहा है.’ उन्होंने आगे कहा था कि ‘मां भगवती की इच्छा हुई तो अपनी शल्य चिकित्सा के उपरांत शीघ्र-अतिशीघ्र वापस लौटूंगा. मैं जैसा भी हूं… अच्छा हूं, बुरा हूं… आपका हूं। मैंने अपनी चिरपरिचित शैली, प्रथा और परंपरा के अनुकूल जीवन जिया है, इसी तरह आगे भी जीता रहूंगा.’
Tiger Zinda Hai!! pic.twitter.com/YWm3Sb0Yuw
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) March 2, 2020
अमर सिंह ने कहा था कि पहले के मुकाबले इस बार तो बिल्कुल स्वस्थ हूं, बिल्कुल सचेतन हूं. डॉक्टरों का कहना है कि मेरा मस्तिष्क किसी 10 साल के बच्चे से भी ज्यादा उर्वरक है. हमारे जो भी शुभेच्छु मेरी मौत की खबर फैला रहे हैं. उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा कि वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है. सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी. स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ.
वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है। सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी।स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 1, 2020
कभी मुलायम सिंह के खामसखास थे एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया. हालांकि एक समय ऐसा था जब अमर सिंह को पार्टी के लिए उपयुक्त माना जाता था. नेटवर्किंग से लेकर तमाम अहम जिम्मेदारियों का दारोमदार उनके कंधों पर था. 90 के दशक के आखिर में अमर सिंह को उत्तर प्रदेश में शुगर लॉबी का असरदार आदमी माना जाता था. इसी सिलसिले में उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम से करीबी बढ़ी. वर्ष 1996 के आसपास वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. फिर जल्दी ही पार्टी के महासचिव बना दिये गए. वो ताकतवर होते गए. कहा जाने लगा था कि मुलायम कोई भी काम बगैर उनके पूछे नहीं करते.
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