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ऐसे छात्र जो लॉकडाउन से पहले संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई परीक्षा के प्रश्नपत्रों के मूल्यांकन के आधार पर अपनी कक्षा के हर विषय में अलग-अलग उत्तीर्ण हैं या उनका बैकपेपर आया है, उन्हें प्रोन्नत कर दिया जाएगा. लेकिन, ऐसे छात्र जो पूर्व में कराई गई इस परीक्षा के अपूर्ण परिणाम के आधार पर संबंधित विश्वविद्यालय के नियमानुसार बैक पेपर के लिए भी अर्ह नहीं हैं, उन्हें वर्ष 2020 की परीक्षा में फेल घोषित किया जाएगा.
इस तरह बढ़ा सकेंगे नंबर
ऐसे छात्र जो प्रोन्नत किए जाने का आधार बनने वाले अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे, वे 2021 में दोबारा परीक्षा दे सकेंगे. वे सभी या किसी विषय की परीक्षा में शामिल होकर अंकों में सुधार का मौका हासिल कर सकेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों ने परीक्षा करवाकर परिणाम जारी कर दिए हैं, वह यथावत रहेंगे. कुछ परीक्षाएं विश्वविद्यालयों ने लॉकडाउन (Lockdown) से पहले करा ली हैं, उनके अंक फाइनल रिजल्ट में शामिल होंगे. पहले लिए गए परीक्षा के आधार पर छात्रों को अगले सेमेस्टर और अगले सत्र के लिए प्रमोट कर दिया जाएगा.अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन, ऑनलाइन या मिश्रित तरीके से 30 सितंबर तक कराने के निर्देश दिए गए हैं. 15 अक्टूबर तक स्नातक अंतिम वर्ष और 31 अक्टूबर तक स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं.
अहम निर्देश
कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष/अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर शेष परीक्षाओं को स्थगित किया जाएगा.
कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा सभी परीक्षाएं लॉकडाउन से पहले करा ली गयी थीं तथा मूल्यांकन के बाद परिणाम भी जारी कर दिए गए हैं. वे परिणाम यथावत रहेंगे. इन परीक्षाओं पर वे नियम लागू रहेंगे, जो पहले से लागू थे.
कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न कक्षाओं की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन से पूर्व सम्पन्न करा ली गई थीं. उनका मूल्यांकन कराके उनके अंक अंतिम परिणाम में सम्मिलित किए जाएंगे.
सभी संकायों के विभिन्न कक्षाओं के ऐसे छात्र जो लॉकडाउन के पहले संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संपन्न कराई गई परीक्षा के प्रश्न-पत्रों के मूल्यांकन के आधार पर अपनी कक्षा के प्रत्येक विषय में अलग-अलग उत्तीर्ण हैं अथवा बैक पेपर के लिए अर्ह हैं, उन्हें अगले वर्ष/सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा तथा उनकी शेष परीक्षाएं स्थगित रहेंगी. ऐसे छात्र, जो विश्वविद्यालय के नियमानुसार बैक पेपर के लिए भी अर्ह नहीं है तथा अनुत्तीर्ण है, उनको वर्ष 2020 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित किया जाएगा.
कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सितंबर 2020 के अंत तक ऑफलाइन (पेन और पेपर)/ऑनलाइन/मिश्रित विधा से बाकी परीक्षाएं संपन्न कराई जाएं. स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितम्बर तक सम्पन्न कराकर स्नातक अंतिम वर्ष परीक्षा परिणाम 15 अक्टूबर तक तथा स्नातकोत्तर अन्तिम वर्ष परीक्षा परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित किए जाए.
किसी कारण से अगर काई छात्र अंतिम सेमेस्टर/अन्तिम वर्ष की विश्वविद्यालय परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाता है तो छात्र को उस कोर्स/प्रश्नपत्र के विशेष परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अवसर दिया जा सकता है जो विश्वविद्यालय की सुविधानुसार आयोजित किया जाएगा. प्राविधान चालू शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए केवल एक बार लागू होगा.
अंतिम सेमेस्टर/अन्तिम वर्ष में बैकलाग के अन्तर्गत आने वाले छात्रों को ऑफलाइन (पेन और पेपर)/ऑनलाइन/मिश्रित मोड के आधार पर व्यावहारिकता/उपयुक्तता के दृष्टिगत अनिवार्य रूप से परीक्षाएं सम्पन्न कराई जाएगी.
ऐसे जारी होगा रिजल्ट
प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम शत-प्रतिशत आन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएंगे. ये छात्र 2020-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित होगें तथा सम्बन्धित विश्वविद्यालय के नियमों के तहत अगर ये सभी विषयों में अलग-अलग पास रहते हैं, तो इसके द्वितीय वर्ष के समस्त विषयों के प्राप्तांकों का औसत अंक ही उसके प्रथम वर्ष के उन शेष विषयों का प्राप्तांक माना जाएगा जिनमें 2020 में परीक्षा सम्पादित नहीं हो सकी.
अगर 2021 में द्वितीय वर्ष/फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में सम्मिलित होने वाला छात्र कुछ विषयों में अलग-अलग उत्तीर्ण होते हुए बैक पेपर/इम्प्रूवमेंट परीक्षा के योग्य पाया जाता है, तो छात्र द्वारा उत्तीर्ण किए गए समस्त विषयों के प्राप्तांकों का औसत अंक ही उसके प्रथम वर्ष/सेकेंड सेमेस्टर के उन विषयों का प्राप्तांक माना जाएगा जिनमें परीक्षा 2020 में सम्पादित नहीं हो सकी.
कोई छात्र 2021 में दूसरे साल में संबंधी विश्वविद्यालय के नियमों के अन्तर्गत फेल हो जाता है, तो वह 2022 में इस परीक्षा में फिर सम्मिलित होगा तथा इस परीक्षा में उसके दूसरे वर्ष के परिणाम के आधार पर ही उसके पहले साल 2020 के उन शेष विषयों का प्राप्तांक माना जाएगा, जिनमें 2020 में परीक्षा सम्पादित नहीं हो सकी.
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