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पिथौरागढ़ में भारी बारिश की वजह से बीआरओ का पुल जमींदोज होने के बाद संपर्क कट गया, जिससे आपदा और राहत कार्य में भी परेशानी. बंगापानी तहसील में बीते 10 दिनों में 16 लोगों की मलबे में दबने से हो चुकी है मौत.
बंगापानी क्षेत्र के सभी गांव शेष दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं. मुनस्यारी से इस इलाके का संपर्क बीते 10 दिनों से कटा हुआ है. बीती रात जौलजीबी-मदकोट को जोड़ने वाला बीआरओ का बड़ा पुल पूरी तरह जमींदोंज हो गया है. पुल टूटने से ये इलाका जौलजीबी से भी कट गया है. सम्पर्क कटने से इस इलाके में आपदा राहत कार्य भी नहीं चल पा रहे हैं. ग्रामीणों ने बीती रात घरों से बाहर गुजारी लेकिन उनके मवेशी और ज़रूरी सामान मलबे में दब गए हैं. सुबह होते ही लोग अपने सामान को बचाने में जुट गए. इस तहसील में बीते 10 दिनों में 16 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो चुकी है.
बंगापानी तहसील में बीते 10 दिनों में 16 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो चुकी है.
राहत के लिए सेना की मांग बरम से लुम्ति तक के पूरे इलाके को आसमानी आफ़त ने खासा प्रभावित किया है. मेतली को जोड़ने वाले सभी पुल और रास्ते तबाह हो चुके हैं. बंगापानी में सबसे अधिक मार बांसबगड़, बरम, जारा-जिबली, कनार पर पड़ी है. स्थानीय विधायक हरीश धामी ने आपदा राहत कार्यों के लिए सेना को लगाने की मांग की है. धामी ने कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों तक पहुंच पाना असम्भव हो गया है. इसलिए जरूरी है कि सरकार हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए.
बंगापानी में गोरी नदी के साथ ही टोकड़ी गाड़ ने भी जमकर तबाही मचाई है. वहीं चमोली का पडेर गांव भी आसमानी आफ़त की भेंट चढ़ गया है. बादल फटने की घटना से यहां भी कई घर जमींदोंज हुए हैं. एक महिला की मौत हो गई है और एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ है. आपदा प्रभावित इलाकों में अभी भी भारी बारिश जारी है. ऐसे में खतरे की आशंका से लोग खौफजदा हैं.
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