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अमरिंदर सिंह ने कहा कि “हर पंजाबी जानता है कि मैं किसी भी झूठे मामलों में फंसने वाला नहीं हूं … वे यह भी जानते हैं कि अगर आपको अपने उद्देश्य पूरे करने हों तो आप अपनी आत्मा बेच देंगे. पूरी दुनिया ने देखा है कि आपने किस तरह से एक काले कानून को अधिसूचित करके किसानों के हितों को बेच दिया है. आपने ऐसा क्यों किया? “
उन्होंने कहा कि “केंद्र का आप पर क्या दबाव था? या क्या ऐसा है कि आप अगली बार फिर से उनके सामने झुक सकते हैं, जब अगली बार आपकी दयनीय सरकार कोविड के संकट को संभालने के लिए लड़खड़ा रही होगी?”
अरविंद केजरीवाल ने जवाब में निशाना साधते हुए कहा कि कृषि कानून पंजाब का “राष्ट्र को उपहार” है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया “आप उस समिति का हिस्सा थे जिसने इन विधेयकों का मसौदा तैयार किया था. ये बिल राष्ट्र के लिए आपका” उपहार “हैं. कैप्टन साहब, बीजेपी नेता आप पर इस तरह के दोहरे मापदंड का आरोप कभी नहीं लगाते जिस तरह से वे अन्य सभी नेताओं पर आरोप लगाते हैं?”
U had been a part of the committee which drafted these Bills. These Bills are YOUR “gift” to the nation.
Captain sahib, why do BJP leaders by no means accuse u of double requirements the way in which they accuse all different leaders? https://t.co/dGxeYksrVY
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 14, 2020
Its part of file that ur committee drafted these legal guidelines. YOU had the ability to cease these legal guidelines, inform the folks of this nation that such legal guidelines had been being contemplated by the centre. Why did u go alongside wid the centre? https://t.co/A75LiCHOIW
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 14, 2020
अमरिंदर सिंह, जिन्होंने पहले केजरीवाल को “झूठा” और “घिनौना साथी” कहा था, ने भी 2018 की घटना को सामने रखा, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अकाली दल के बिक्रम मठिजा से “ड्रग लॉर्ड” कहने के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने कहा कि पंजाब ने उन्हें “एक छोटी सी मानहानि के मामले में डर के मारे चापलूसी करते हुए” देखा था.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा की कि केजरीवाल, जिनकी आम आदमी पार्टी राज्य में मुख्य विपक्षी दलों में से एक है, के विपरीत उन्होंने “हमेशा अपने लोगों के साथ सही काम किया था.”
अपने बयान में अमरिंदर सिंह ने कहा कि “एक कायर जो डर के मारे भाग गया था और मानहानि के केस में माफी मांग रहा था.” वह खुद का बचाव करने में समर्थ नहीं है और “वह किसानों के कोप से खुद को बचाने” में लगा है ताकि अगले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए वोट ले सके.
अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों में से एक को अधिसूचित करने पर हमले करना शुरू कर दिया है. रिपोर्टों में कहा गया है कि अधिसूचना 23 नवंबर को किसानों के दिल्ली में मार्च शुरू करने से तीन दिन पहले जारी हुई. हालांकि, कई ने कहा है कि यह रिपोर्ट सत्य नहीं है.
केजरीवाल ने रविवार को किसानों के प्रति अपना समर्थन दोहराया और कहा कि वह सोमवार की एक दिवसीय भूख हड़ताल में उनके साथ शामिल होंगे. पिछले सप्ताह उन्होंने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सिंघू का दौरा किया, जहां पर किसानों के बड़े समूहों का कैंप लगा है. उन्होंने वहं कहा कि वे “सेवादार (स्वयंसेवक)” बनकर आए हैं.
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