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गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने के लिए चीनी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो सकती है. चीनी उत्पादन वर्ष 2019 – 20 के दौरान देशभर के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर बकाया 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है.
अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सचिवों के एक समूह ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में कीमत बढ़ाने पर अपनी सहमति दे दी है. देश के बड़े चीनी उत्पादक राज्यों के सुझाव के बाद इस प्रस्ताव पर विचार किया गया और यह एक सही फैसला हो सकता है. साथ ही, इस फैसले पर नीति आयोग ने सहमति दे दी है.
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले से सीधे किसानों को मदद मिले. ऐसे कदम उठाए जाएंगे. पिछली बार सरकार ने फरवरी 2019 में चीनी के एमएसपी में वृद्धि की थी, जब इसे 31 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया था.
ये भी पढ़ें :-बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, इस वजह से 25 करोड़ घरों में स्मार्ट मीटर लगाने में होगी देरी!गन्ना किसानों के 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया-चीनी उत्पादन वर्ष की गणना हर साल 1 अक्टूबर से अगले साल 30 सितंबर तक की जाती है. अगर State Advised Price ( SAP) के लिहाज़ से देखें तो चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 22 हजार 79 करोड़ रुपये हो गया है.
जबकि केंद्र द्वारा घोषित Fair & Remunerative Price ( FRP ) के लिहाज़ से ये बक़ाया 17 हजार 683 करोड़ रुपये होता है.
FRP गन्ना खरीद की वो दर है जो केंद्र सरकार घोषित करती है जबकि राज्य सरकारें उस दर में अपनी तरफ से जो अतिरिक्त दाम लगा देती हैं, उसे SAP कहा जाता है. हालांकि मंत्रालय का कहना है कि पिछले साल मई महीने तक बक़ाया 28 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
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