[ad_1]

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे (Most Wanted Criminal Vikas Dubey) की मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में गिरफ्तारी के बाद सरकार ने राहत की सांस ली है. उधर विपक्षी दल लगातार विकास दुबे को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. एक तरफ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सवाल किया है कि विकास दुबे की ये गिरफ्तारी है या आत्मसमर्पण? वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने मामले में सीबीआई जांच की मांग कर दी है.

इस बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) का ट्वीट भी आया है. अपने ट्वीट में मायावती ने विकास दुबे के राजनीतिक और सरकारी आकाओं को उजागर कर उन्हें सख्त सजा दिलाने की मांग यूपी सरकार से की है.

पर्दाफाश का यूपी की जनता को इंतजार

मायावती ने ट्वीट किया है, “कानपुर-काण्ड का दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को काफी लम्बी जद्दोजहद के बाद अन्ततः मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिए जाने के बाद अब इसके तमाम आपराधिक सांठगांठ व माफियागिरी आदि का पर्दाफाश होने का यूपी व देश की जनता को काफी इन्तजार है.”

यूपी सरकार पर नजर

उन्होंने आगे लिखा है, “इतना ही नहीं बल्कि जनता को इस बात की भी प्रतीक्षा है कि विकास दुबे के साथ-साथ उसके जघन्य अपराधों से जुड़े व सम्बंधित सभी सरकारी व राजनीतिक संरक्षकों एवं षडयंत्रकारियों को भी उत्तर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द सख्त सजा जरूर दिलाए.”

प्रियंका ने की सीबीआई जांच की मांग

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है. तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.”

अखिलेश ने भी उठाए सवाल- गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण?

बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी सवाल किया कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया या उसकी गिरफ्तारी हुई? अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.”



[ad_2]

Source